No dead body for dead girl in Sidhi: सीधी जिले के सेमरिया स्वास्थ्य केंद्र में 13 वर्षीय बच्ची की मौत के बाद परिजनों को शव वाहन की सुविधा नहीं मिली, जिसके चलते वे घंटों तक अस्पताल प्रशासन से मदद की गुहार लगाते रहे। अंततः स्थानीय लोगों ने चंदा इकट्ठा कर शव को बच्ची के गांव पहुंचाने की व्यवस्था की। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की गंभीर कमी को उजागर करती है।बुधवार रात कुशमहर गांव की 13 वर्षीय रुबी सिंह गोंड को करीब 3 बजे सोते समय सांप ने काट लिया। बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे सुबह 10 बजे सेमरिया स्वास्थ्य केंद्र ले गए। अस्पताल पहुंचने से पहले ही रुबी की हालत नाजुक हो चुकी थी, और कुछ ही समय में उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद परिजनों को अस्पताल में शव वाहन उपलब्ध नहीं था। घंटों की मशक्कत और प्रशासन से कोई सहायता न मिलने पर समाजसेवी प्रभात वर्मा ने आगे बढ़कर ग्रामीणों से चंदा इकट्ठा किया। इस चंदे से एक ऑटो किराए पर लिया गया, जिसके जरिए बच्ची के शव को उसके गांव पहुंचाया गया। प्रभात वर्मा ने कहा, “यह घटना स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियों को उजागर करती है। परिजनों के घंटों अस्पताल में रहने के बावजूद प्रशासन तक सूचना नहीं पहुंची। यह स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
सीएमएचओ डॉ. बबीता खरे ने बताया कि यह घटना देर रात की है और बच्ची को अस्पताल देर से लाया गया। उन्होंने कहा, “सेमरिया स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन की सुविधा नहीं है। यदि सूचना मिलती तो सीधी से वाहन की व्यवस्था की जा सकती थी।”यह घटना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को दर्शाती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के अभाव और प्रशासनिक लापरवाही को भी सामने लाती है।