रीवा। जिले के जवा थाना क्षेत्र के जनकहाई गांव में गत दिवस हुए विवाद के दौरान रामशिरोमणि केवट नाम के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लेकिन पुलिस अब तक गोली बरामद नहीं कर पाई। शव का पोस्टमार्टम करने के दौरान भी डाक्टर्स को गोली नहीं मिली। जिसके बाद अनुमान लगाया गया कि गोली शरीर के किसी अन्य हिस्से में धंस गई होगी। जिसके चलते पुलिस ने तय किया कि मृतक के अंतिम संस्कार के बाद उसकी राख में गोली की तलाश की जाएगी।
घंटेभर चिता की राख में तलाशते रहे गोलियां
अंतिम संस्कार के बाद शुक्रवार को जब जनकहाई गांव में मृतक की चिता से परिजन अस्थियां समेट रहे थे तो पुलिस भी वहां पहुंची। इस दौरान पहले तो चिता की राख में ही गोली तलाशी गई। करीब घंटे भर से अधिक समय तक लोग चिता की राख में गोलियां तलाशते रहे। लेकिन जब वहां नहीं मिली तो चिता की राख को बांस की टोकरी में रखकर नदी में बहाया गया ताकि राख बहने के बाद अवशेष उसी में रह जाए। टोकरी में बचे अस्थियों के अवशेष और लकड़ी के टुकड़ों के बीच गोली की तलाश की गई लेकिन वह नहीं मिली।
पुलिस के लिए उलझ गया मामला
गोली बरामद नहीं होने से अब पुलिस के लिए मामला और उलझ गया है। क्योंकि मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि वह गांव के अनिल सिंह नाम के व्यक्ति के यहां ट्रैक्टर चलाता था। उसने ट्रैक्टर चलने से मना किया तो ट्रैक्टर मालिक घर पहुंच गया और उसे गोली मार दी। डाक्टरों ने भी माना है कि शरीर में गोली लगने जैसा चोट का निशान हैं। लेकिन शरीर से गोली बरामद नहीं होने की वजह से पुलिस को विवेचना में और भी तथ्य जोड़ने पड़ेंगे। बता दें कि इस मामले में दो आरोपी दिलीप एवं पिंकू सिंह जेल जा चुके हैं।
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