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Lalu and Tejashwi Yadav meeting: नीतीश ने ठुकराया लालू का ऑफर

lalu nitish

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Lalu and Tejashwi Yadav meeting: 2 जनवरी को बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल आरिफ खान का राजभवन में शपथ समारोह था। इस दौरान अपने मंत्रिमंडल के साथ सीएम नीतीश और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मौजूद रहे। नीतीश पहली कतार में बैठे तेजस्वी के पास उनसे मुलाक़ात करने पहुंच गए। लालू यादव के बयान के बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश के साथ जाने का सवाल ही नहीं बनता।

Bihar News: नए साल यानी की 1 जनवरी से ही बिहार की राजनीति में नई अटकले शुरू हो गई हैं. दरअसल RJD सुप्रीमो लालू यादव कीओर से सीएम नीतीश कुमार को एक बार फिर से साथ आने का ऑफर दिया गया था। शनिवार को गोपालगंज में सीएम नीतीश ने यह ऑफर को ठुकराते हुए कहा कि हम दो बार गलती से इधर से उधर चले गए थे। अब हम हमेशा साथ रहकर बिहार के साथ देश का विकास करेंगे। दरअसल, लालू यादव ने एक जनवरी को एक मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा था कि “नीतीश कुमार के लिए उनके दरवाजे तो खुले ही हैं। नीतीश को भी दरवाजे खोलकर रखना चाहिए। यदि वे आते हैं तो साथ क्यों नहीं लेंगे? ले लेंगे साथ। वो साथ आएं, मिलकर काम करें। हमेशा भाग जाते हैं, और हम माफ कर देंगे।”

2 जनवरी को बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल आरिफ खान का राजभवन में शपथ समारोह था। इस दौरान अपने मंत्रिमंडल के साथ सीएम नीतीश और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मौजूद रहे। नीतीश पहली कतार में बैठे तेजस्वी के पास उनसे मुलाक़ात करने पहुंच गए। सीएम को देख तेजस्वी खड़े हो गए। सीएम ने तेजस्वी के कंधे पर हाथ रखा. इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे का मुस्कुराते हुए हाल चाल लिया। सीएम नीतीश और तेजस्वी की यह तस्वीर जमकर वायरल हुई।

तेजस्वी भी कर चुके हैं साथ से इनकार

लालू यादव के बयान के बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश के साथ जाने का सवाल ही नहीं बनता। वहीं लालू यादव की बेटी सांसद मीसा भारती ने कहा कि लालू और नीतीश पुराने दोस्त हैं। वो क्या कहते हैं, वही जानें। इसके अलावा लालू यादव के करीबी माने जाने वाले विधायक वीरेंद्र ने भी पिछले दिनों एक बयान दिया था. जिसमें उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई भी परमानेंट दोस्त और दुश्मन नहीं रहता। यदि नीतीश सांप्रदायिक शक्तियों को छोड़कर आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे। उनका भी मन अब सांप्रदायिक शक्तियों के साथ भर चुका है। विधायक वीरेंद्र ने कहा है कि राजनीति में कुछ भी संभव है। उनके बयान के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई। इसके बाद भाजपा ने इस पर पलटवार भी किया। बता दें कि बिहार में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होंगे। इससे पहले बिहार की राजनीति में क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं यह देखने वाली बात होगी।

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