Nitish Kumar in Manipur : मणिपुर में जनता दल यूनाइटेड पार्टी के प्रमुख नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी को लेकर बड़ा बयान दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मणिपुर में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष को पद से हटाते हुए कहा कि मणिपुर में जेडीयू भाजपा के समर्थन में हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जेडीयू द्वारा भाजपा सरकार के समर्थन को वापस लेने की घोषणा को गलत बताया। जबकि दावा किया गया था कि जेडीयू की मणिपुर यूनिट ने इस संबंध में राज्यपाल को पत्र लिख कर जानकारी दी थी कि राज्य में जेडीयू के विधायक भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्ष में रहेंगे।
मणिपुर में भाजपा के साथ जेडीयू | Nitish Kumar in Manipur
मणिपुर में खबर फैली थी कि एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार से नीतीश कुमार की जेडीयू ने औपचारिक के रूप से अपना समर्थन वापस ले लिया है। अब खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। नीतीश कुमार ने बताया कि उनकी पार्टी मणिपुर में भाजपा के साथ खड़ी है।
BJP के विपक्ष होने की खबर गलत – Nitish Kumar
राज्य में चर्चा है कि जनता दल यूनाइटेड दल की मणिपुर यूनिट ने राज्यपाल को पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि राज्य में उनका एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर अब विपक्ष में रहेंगे। पत्र में जेडीयू ने सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था। लेकिन अब जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने स्पष्टीकरण दिया है कि मणिपुर में जेडीयू का भाजपा से समर्थन वापस लेने की बात झूठी है।
JDU ने वीरेंद्र सिंह को पद से हटाया
आज जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार द्वारा बताया गया कि बीजेपी से समर्थन वापस लेने का ऐलान जेडीयू की मणिपुर यूनिट के प्रमुख क्षेत्रीमायुम वीरेंद्र सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखकर किया था। जिसे अब नीतीश कुमार गलत बताया है। इसी के तहत पार्टी ने मणिपुर प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह को उनके पद से हटा दिया है। जेडीयू ने कहा, जनता दल यूनाइटेड ने मणिपुर प्रदेश के अपने पार्टी अध्यक्ष, जिसने यह पत्र लिखा था वीरेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया दिया है। अनुशासनहीनता के आरोप में वीरेंद्र सिंह को पदमुक्त कर दिया गया है। इस संबंध में पार्टी की ओर से कहा गया कि जेडीयू द्वारा लिया गया ये फैसला मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार की स्थिरता को प्रभावित नहीं करेगा।
मणिपुर में भाजपा से नाराज हैं JDU विधायक
दरअसल, मणिपुर में जदयू यूनिट की ओर से भाजपा के समर्थन में न खड़े होने का एलान करना गहरी राजनीति की तरफ इशारा करता है। हालांकि जदयू केंद्र और बिहार में भाजपा की सहयोगी दलों में एक है। जबकि मणिपुर में जदयू विधायक भाजपा से नाराज चल रहें हैं। पार्टी ने शुरुआत में 2022 के मणिपुर विधानसभा चुनावों में छह सीटें जीती थीं। जिनमें पांच जदयू विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। तब से राज्य में जदयू का केवल एक ही विधायक बचा है। जदयू से भाजपा में गए विधायकों के खिलाफ स्पीकर ट्रिब्यूनल के समक्ष मुकदमा लंबित चल रहा है। यही कारण है कि इंडिया गठबंधन से जदयू के अलग होने के बाद भी मणिपुर इकाई भाजपा के खिलाफ नजर आ रही है।
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