बिहार। बिहार की सत्ता में 20 साल से केन्द्र बिंदु रहे नीतिश कुमार एक बार फिर से सत्ता की बागडोर सम्हालने के लिए जनादेश में खरे उतर रहे है। शुक्रवार को बिहार में मतगणना का काम तय समय पर शुरू हुआ और शाम तक स्थितियां स्पष्ट होने लगी है। जिसमें नीतिश कुमार की गठबंधन वाली एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलता नजर आ रहा है। बिहार चुनाव नतीजों को लेकर राजनैतिक पार्टिया अब जश्न भी मना रही है। तो वही सीएम पद को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। जिसमें नीतिश कुमार एक बार फिर से बिहार के सीएम पद को प्राप्त कर सकते है।
समाजवादी विचारक नीतिश कुमार
सुशासन बाबू के नाम से प्रसिद्ध बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च, 1951 को पटना के बख्तियारपुर में हुआ था। नीतीश कुमार के पिता स्व. राम लखन सिंह स्वत्रंता सेनानी और विख्यात गांधीवादी नेता थे। नीतीश कुमार ने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। नीतीश कुमार की राजनीतिक परवरिश देश के महान समाजवादी राजनेताओं के इर्द-गिर्द हुई, जिसका प्रभाव नीतीश के व्यक्तित्व व राजनीति पर साफ देखा जा सकता है।
समाजवादियों के साथ रहे नीतिश
नीतिश कुमार के राजनैतिक सफर पर नजर दौड़ाए तो वे राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, वी.पी सिंह जैसे राजनैतिक दिग्गजों की देख-रेख में राजनीति के सभी दृष्टिकोणों समझा और परखा। नीतीश कुमार ने साल 1974 से 1977 तक चले जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उनके अंदर समाजवाद की ऐसी छाप पड़ी उन्होंने अपने राजनीतिक सफर के लिए समाजवाद का रास्ता चुन लिया।
ऐसा है राजनैतिक सफर
नीतिश कुमार साल 1985 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बिहार विधानसभा में पहुंच गया। विलक्षण राजनीतिक प्रतिभा के धनी रहे नीतीश कुमार वर्ष 1987 में युवा लोक दल के अध्यक्ष बना दिए गए। इसके बाद वर्ष 1989 में वह बिहार में जनता दल इकाई के महासचिव और नौवीं लोकसभा के सदस्य चुने गए। लोकसभा में अपने पहले कार्यकाल में नीतीश कुमार केन्द्रीय राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गयी। वर्ष 1991 में नीतीश कुमार दोबारा लोकसभा के लिए चुने गए और साथ ही राष्ट्रीय स्तर के महासचिव बनाए गए। वे लगातार वर्ष 1989 से लेकर 2004 तक बाढ़ निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव जीतते रहे। वर्ष 2001 से 2004 के बीच कैबिनेट मंत्री के तौर पर रेल मंत्रालय जैसी जिम्मेदारी को भी बखूबी संभाला।
अब तक 7 बार बने मुख्यमंत्री
बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को अब तक सात बार बिहार का मुख्यमंत्री बनाया है। पहली बार मार्च 2000 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद संभाला। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने बिहार में विभिन्न क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित किया। उनके कुशल प्रशासन की वजह से आज देश उन्हें सुशासन बाबू के नाम से जानता है।
नीतिश के नाम है ये अवार्ड
नीतीश कुमार को राजनीतिक शुचिता, सार्वजनिक सक्रियता व कुशल प्रशासक के लिए कई पुरुस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। जिनमें साल फ़ोर्ब्स “इंडियन पर्सन ऑफ दि इयर” अवॉर्ड, जेपी स्मारक पुरस्कार, इकोनॉमिक टाइम्स “बिजनेस रिफार्मर ऑफ दि इयर, पोलियो उन्मूलन चौम्पियनशिप अवार्ड,सफल शराबबंदी के लिए अणुव्रत सम्मान समेत अन्य अवॉर्ड शामिल हैं।
