Site icon SHABD SANCHI

30 साल में बने ₹1 लाख के 4 करोड़! जानें इस Mutual Fund के Details

Nippon India Growth Midcap Mutual Fund: इंडिया के सबसे पुराने Mutual Funds में से एक Nippon India Growth Midcap Mutual Fund का नाम जरूर सुना होगा. अब आप सोच रहे होंगे की आज इसके बारे में इतनी गहरी बात क्यों बता रहे हैं तो आज इसका बर्थडे है. यह फंड आज 30 साल का हो गया है, जी हां यह फंड आज से ठीक तीन दशक पहले, यानी 8 अक्टूबर 1995 को शुरू हुआ था. उस दिन जिस निवेशक ने इस फंड में एक लाख रुपये का निवेश किया होगा, उसकी राशि आज 4 करोड़ रुपये से भी अधिक की हो गई है. यही कंपाउंडिंग का जादू है.

Mid Cap कंपनियों का बढ़ा है ग्रोथ

अगर बात उस दौर की करें जब इसकी शुरुआत हुई है. यानी साल 1995 का समय उदारीकरण का था, जब नरसिंह राव सरकार ने बंद पड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोलना शुरू किया था. निजीकरण की भी शुरुआत हुई थी. उसके बाद छोटी और मंझोली कंपनियों का ग्रोथ तेजी से हुआ. इसी स्थिति को देखते हुए निप्पॉन इंडिया ग्रोथ मिड कैप फंड की शुरुआत 1995 में हुई थी. आंकड़ों पर गौर करें तो यह म्यूचुअल फंड विशेषज्ञों द्वारा निवेशकों को दी जाने वाली सलाह को पुष्ट करता है.

इंवेस्टर्स को कितना मिला रिटर्न

निप्पॉन इंडिया ग्रोथ मिड कैप फंड अपनी 3 दशकों की यात्रा में बेहतरीन रिटर्न दिया है. इस फंड ने शुरुआत से ही 22.2% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) अर्जित की है. तभी तो इसे भारत के बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले फंडों में से एक माना जाता है. अगर किसी निवेशक ने फंड की शुरुआत के समय एक लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया होता, तो आज उनका निवेश चार करोड़ रुपये से ज़्यादा होता.

इसी के समान मिड-कैप फंडों का क्या है हाल

अगर इसी के समान दूसरे मिड-कैप फंडों की बात करें तो, एडलवाइस, कोटक म्यूचुअल फंड और इन्वेस्को म्यूचुअल फंड जैसे फंडों ने भी पिछले दस वर्षों में 17% से 19% के बीच रिटर्न देते हुए शानदार रिटर्न दिया है. इस फंड में उन कंपनियों में निवेश किया जाता है जो औसत से अधिक वृद्धि प्रदान करती हैं और समय के साथ अच्छा रिटर्न देने की क्षमता रखती हैं। इस फंड की सफलता का कारण इसकी मज़बूत निवेश पद्धति और कठोर जोखिम प्रबंधन प्रक्रियाएं हैं.

Mid Cap Fund किस समय में हैं Ideal?

इक्विटी सेगमेंट में ग्रोथ-स्टाइल मिडकैप फंड लंबी अवधि के निवेश के लिए आदर्श माने जाते हैं. चूंकि ये पूंजी वृद्धि को प्राथमिकता देते हैं, इसलिए निवेशकों को समय के साथ अपने निवेश के मूल्य में लगातार वृद्धि मिलती है. इसके अलावा, मिडकैप फंड विभिन्न प्रकार के शेयरों में निवेश करके विविधीकरण प्रदान करते हैं, जिससे जोखिम कम करने में मदद मिलती है.

निप्पॉन इंडिया ग्रोथ मिड-कैप फंड का वित्तीय क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश है, जिसमें लगभग एक-चौथाई राशि निवेशित है. लगभग 17.47% निवेश उपभोक्ता विवेकाधीन क्षेत्र में और 17.03% औद्योगिक क्षेत्र में किया गया है. इस फंड में स्वास्थ्य सेवा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और कुछ अन्य क्षेत्रों में भी डाइवर्सिफाइड किया गया है.

मिड-कैप फंड कौन से होते हैं?

यह भी एक तरह के म्यूचुअल फंड होते हैं जो मध्यम आकार की कंपनियों में निवेश करते हैं. इनका बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैपिटलाइजेशन) लार्ज-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों के बीच होता है. SEBI के मुताबिक मार्केट कैप की रैंकिंग में 101 से 250 तक की कंपनियां मिड-कैप हैं. ये फंड लार्ज-कैप फंडों की तुलना में अधिक ग्रोथ की क्षमता प्रदान करते हैं. लेकिन इनमें स्मॉल-कैप फंडों की तुलना में कम रिस्क होते हैं.

Exit mobile version