केरल में निपाह वायरस का पांचवा मामला सामने आया है, जिसमे मलप्पुरम निवासी 14 साल बालक की संक्रमण के चलते मौत हो गयी। दरअसल बालक निपाह वायरस से संक्रमित था जिसका इलाज चल रहा था, रविवार सुबह 10 बजे उसे दिल का दौरा पड़ा उसे वेंटिलेटर पर रखा गया और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गयी। केरल के उस क्षेत्र में वायरस से रेड अलर्ट जारी किया गया है। इससे बचने के लिए स्वास्थ अधिकारी सलाह दे रहे हैं।
निपाह वायरस की इस साल की ये पहली घटना है पर इससे पहले 2019, 2021 और 2023 में भी इसके मामले सामने आये थे, जिसके बाद अब ये घटना हुई है जिसे लेकर सभी चिंता में हैं। कोरोना के बाद अब इस जानलेवा वायरस का मामला सामने आया है जो बहुत ही खातरनाक है। जिसको लेकर केरल की स्वास्थ मंत्री वीणा जार्ज ने तत्काल बैठक भी ली।
क्या है निपाह वायरस?
यह 1 जूनोटिक वायरस है यानि की जानवरो से इंसान के शरीर में संचारित होता है। यह मुख्यतः चमगादड़ और सूअर से फैलता है, इनके अलावा ये कुत्ता, बिल्ली, घोड़ो और बकरियों से भी फ़ैल सकता है। यह एक जानलेवा बीमारी है जिसमे अमेरिका की रिसर्च के मुताबिक 40% से 70% लोगो की जान चली जाती है।
निपाह वायरस के लक्षण ;
आमतौर पर संक्रमण होने के लगभग 14 दिनों तक सामान्य लक्षण रहते है जैसे –
- ख़ासी
- बुख़ार
- सरदर्द
- गले में दर्द
- दस्त
- उल्टी
- मांसपेशियों में दर्द
वायरस को कुछ दिन में इलाज न मिलने और निदान नहीं होने में ये छोटे लक्षण बड़ा रूप ले सकते हैं जिसमें
- दौरे पड़ना
- याददाश्त जाना
- साँस में दिक्कत
- बेहोश होना
- शरीर थर्राना
- भाषा का अस्पष्ट हो जाना
निपाह वायरस से बचाव ;
- बार-बार अपने हाथों को धोते रहें
- सुअरो और चमगादड़ से दूरी बनाकर रखें
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें
- पेड़ से गिरे हुए फल आदि को खाने से बचना चाहिए
- बहुत ज्यादा बाजार का खाना और जूस बगैरा पीने से बचें
- पेड़ो और झाड़ियों से दूरी बनाकर रखें
- बीमार जानवरो से दूरी बनाकर रखें।
निपाह वायरस से बचने के लिए घरेलु उपाय ;
निपाह वायरस से निपटने के लिए अभी कोई न ही दवा बानी है और ना ही कोई टीका हम वायरस से छुटकारा तो नहीं पा सकते पर रोकथाम के लिए कुछ उपाय कर ही सकते हैं जैसे ;
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए घर के बने काढ़े का सेवन करना
- उलटी को नियंत्रित करने के लिए दवाइयों का सेवन करना
- अधिक मात्रा में पानी पीना
- शरीर को काम थकाना
- साँस लेने में कठिनाई को काम करने के लिए इन्हेलर है इस्तेमाल करना
- लक्षण ज्यादा बढ़ जाने पर डॉक्टर से परामर्श लेना