विधेयक में नकली सिम कार्ड बेचने, खरीदने और इस्तेमाल करने पर तीन साल तक की जेल या 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान
26 जून से नया दूरसंचार अधिनियम 2023 (NEW TELECOM LAW) लागू हो गया है। अधिनियम की धारा 1, 2, 10 से 30, 42 से 44, 46, 47, 50 से 58, 61 और 62 के प्रावधान भी लागू हो जायेंगे। यह नया दूरसंचार अधिनियम भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम (1885) और भारतीय वायरलेस टेलीग्राफ अधिनियम (1933) जैसे मौजूदा कानूनों का स्थान लेगा। नया दूरसंचार कानून सरकार को आपातकालीन स्थितियों में सभी दूरसंचार सेवाओं और नेटवर्क का नियंत्रण लेने में सक्षम बनाएगा।
सिम कार्ड के संबंध में सख्त प्रावधान
सरकार सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अपराध की रोकथाम के कारणों से दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण भी ले सकती है। सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, सरकार सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अपराध की रोकथाम के कारणों से दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है। इसके अलावा, अधिनियम में सिम कार्ड के संबंध में सख्त प्रावधान शामिल हैं।
तीन साल की जेल और जुर्माना
टेलीकॉम एक्ट 2023 की खासियतों की बात करें तो इसमें कई कड़े प्रावधान हैं। इस अधिनियम में नकली सिम कार्ड जारी करने पर रोक लगाने का प्रावधान है। एक आईडी कार्ड पर 9 से अधिक सिम कार्ड रखने पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगता है। अगर आप यही काम दूसरी बार करते हैं तो आपको 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। सिम कार्ड जारी होने के बाद ही सिम कार्ड बेचने के उद्देश्य से बायोमेट्रिक डेटा एकत्र किया जाएगा। विधेयक में नकली सिम कार्ड बेचने, खरीदने और इस्तेमाल करने पर तीन साल तक की जेल या 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। किसी भी सिम कार्ड धोखाधड़ी के लिए तीन साल की जेल और जुर्माना होगा।
बिना अनुमति के बातचीत रिकॉर्ड करना अपराध
राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए दूरसंचार कंपनियों को सरकार द्वारा चिन्हित विश्वसनीय स्रोतों से ही उपकरण खरीदने होंगे। प्रचारात्मक संदेश भेजने के लिए उपयोगकर्ताओं की पूर्व सहमति आवश्यक होगी। इसके अलावा, दूरसंचार नेटवर्क डेटा तक पहुंच, बिना अनुमति के बातचीत को सुनना या रिकॉर्ड करना अपराध माना जाएगा। इसके लिए भी 3 साल तक की सश्रम कारावास और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
फोन कॉल्स की शिकायत भी कर सकेंगे
दूरसंचार कंपनियों को उपयोगकर्ताओं को डीएनडी (परेशान न करें) सेवा के लिए पंजीकरण करने का अवसर प्रदान करना होगा। यूजर्स अब बार-बार परेशान करने वाली फोन कॉल्स की शिकायत भी कर सकेंगे। अगर इस नियम का उल्लंघन किया गया तो कार्रवाई की जाएगी।