UPI New Rules 2025, NPCI Guidelines, UPI Balance Check Limit: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के लिए 1 अगस्त 2025 से लागू होने वाले नए नियमों की घोषणा की है। (UPI System Updates, Digital Payment Regulations) ये बदलाव गूगल पे, फोनपे, पेटीएम जैसे UPI ऐप्स के उपयोग को प्रभावित करेंगे, जिनका उद्देश्य सिस्टम की गति, सुरक्षा और विश्वसनीयता को बढ़ाना है।
मार्च और अप्रैल 2025 में कई बार UPI सिस्टम में रुकावटें आईं, जिसके कारण NPCI ने अत्यधिक API कॉल्स को नियंत्रित करने के लिए ये कदम उठाए हैं। (UPI Outages 2025, API Usage Restrictions) आइए जानते हैं कि ये नए नियम क्या हैं और इनका आपके रोज़मर्रा के डिजिटल पेमेंट्स पर क्या असर होगा।
1. बैलेंस चेक पर सीमा: 50 बार प्रति ऐप प्रति दिनUPI यूज़र्स अब किसी एक UPI ऐप पर अपने बैंक खाते का बैलेंस दिन में अधिकतम 50 बार चेक कर सकेंगे। (Daily Balance Check Limit, UPI Server Overload) अगर आप कई UPI ऐप्स (जैसे गूगल पे और फोनपे) का उपयोग करते हैं, तो यह सीमा प्रत्येक ऐप के लिए अलग-अलग लागू होगी।
NPCI के अनुसार, बार-बार बैलेंस चेक करने से सिस्टम पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिससे ट्रांजेक्शन की गति धीमी हो सकती है। अब बैंकों को प्रत्येक सफल ट्रांजेक्शन के बाद बैलेंस अपडेट नोटिफिकेशन भेजना अनिवार्य होगा, ताकि अलग से बैलेंस चेक करने की ज़रूरत कम हो। (Real-Time Balance Updates, UPI Transaction Efficiency)
2. लिंक्ड बैंक अकाउंट देखने की सीमा: 25 बार प्रति दिनआप अपने मोबाइल नंबर से लिंक किए गए बैंक खातों की सूची को दिन में केवल 25 बार देख सकेंगे।
यह नियम भी सिस्टम पर बार-बार API कॉल्स के दबाव को कम करने के लिए लागू किया गया है। नए बैंक खाते को जोड़ने के लिए अब सख्त वेरिफिकेशन प्रक्रिया होगी, जिसमें बैंक की ओर से अतिरिक्त पुष्टि की आवश्यकता होगी। (Bank Account Verification, UPI Security Measures) यह कदम धोखाधड़ी को रोकने और सिस्टम की स्थिरता को बनाए रखने में मदद करेगा।
3. ऑटोपे ट्रांजेक्शंस के लिए निश्चित समय: स्लॉटऑटोपे ट्रांजेक्शंस, जैसे नेटफ्लिक्स, स्पॉटिफाई, SIP या इंश्योरेंस प्रीमियम जैसे नियमित भुगतान, अब केवल गैर-पीक समय में प्रोसेस होंगे। (UPI AutoPay Timings, Recurring Payment Schedule) ये समय स्लॉट हैं:
- सुबह 10 बजे से पहले
- दोपहर 1 बजे से 5 बजे के बीच
- रात 9:30 बजे के बाद
यह नियम सिस्टम पर पीक आवर्स के दौरान दबाव को कम करने के लिए बनाया गया है। ऑटोपे के लिए प्रति मैंडेट एक प्रयास और अधिकतम तीन रिट्रीज़ की अनुमति होगी। (Non-Peak Hour Transactions, UPI Mandate Execution) यूज़र्स को सलाह दी जाती है कि वे अपने ऑटोपे शेड्यूल को इन समय स्लॉट्स के अनुसार समायोजित करें।
4. ट्रांजेक्शन स्टेटस चेक: 3 बार, 90 सेकंड का अंतरअगर आपका UPI ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है या पेंडिंग दिखता है, तो आप उसका स्टेटस दिन में केवल तीन बार चेक कर सकेंगे, और प्रत्येक चेक के बीच कम से कम 90 सेकंड का अंतर होना अनिवार्य है। (Transaction Status Check Limit, UPI Failure Resolution) यह नियम सिस्टम पर बार-बार स्टेटस रिफ्रेश के कारण होने वाले ओवरलोड को रोकने के लिए है। NPCI ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पेमेंट स्टेटस (सक्सेस/फेल) कुछ सेकंड में दिखे, ताकि यूज़र्स को पेंडिंग स्टेटस की अनिश्चितता से न जूझना पड़े।
5. पेमेंट रिवर्सल और सिक्योरिटी फीचर्स: यूज़र्स अब 30 दिनों में अधिकतम 10 पेमेंट रिवर्सल रिक्वेस्ट्स उठा सकेंगे, जिसमें प्रति प्रेषक 5 रिक्वेस्ट्स की सीमा होगी। (UPI Payment Reversal Cap, Chargeback Limits) इसके अलावा, 30 जून 2025 से लागू एक नियम के तहत, हर UPI पेमेंट से पहले प्राप्तकर्ता का रजिस्टर्ड बैंक नाम स्क्रीन पर दिखेगा, जिससे गलत खाते में पैसे भेजने या धोखाधड़ी की संभावना कम होगी। (Recipient Name Verification, UPI Fraud Prevention)
6. बैंकों और UPI ऐप्स के लिए सख्त नियम: NPCI ने बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) को API उपयोग की निगरानी करने और गैर-कानूनी उपयोग को रोकने का निर्देश दिया है। गैर-अनुपालन करने वालों पर जुर्माना, API एक्सेस प्रतिबंध या नए यूज़र्स को जोड़ने पर रोक जैसे दंड लग सकते हैं। (NPCI API Regulations, UPI Compliance Penalties) बैंकों को 31 अगस्त 2025 तक अपने सिस्टम का ऑडिट Cert-in प्रमाणित ऑडिटर्स से करवाना होगा। (Bank System Audit, UPI Network Stability)UPI की वर्तमान स्थिति और महत्वUPI भारत में डिजिटल पेमेंट्स का रीढ़ बन चुका है, जो हर महीने 18 अरब से अधिक ट्रांजेक्शंस प्रोसेस करता है, और मई 2025 तक इसका कुल मूल्य 25.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है।
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने भारत की UPI प्रणाली की तारीफ करते हुए कहा है कि यह दुनिया में सबसे तेज़ पेमेंट सिस्टम है। (IMF UPI Praise, Fastest Payment System) हालांकि, भारी ट्रैफिक और बार-बार API कॉल्स के कारण सिस्टम पर दबाव बढ़ रहा है, जिसके चलते ये नए नियम लागू किए जा रहे हैं।
यूज़र्स के लिए सुझाव
- बैलेंस चेक कम करें: केवल ज़रूरत पड़ने पर ही बैलेंस चेक करें। (Minimize Balance Checks, UPI Usage Tips)
- ऑटोपे शेड्यूल नोट करें: ऑटोपे भुगतानों को नए समय स्लॉट्स के अनुसार प्लान करें। (Plan AutoPay Schedules, UPI Recurring Payments)
- ट्रांजेक्शन स्टेटस सीमित चेक करें: फेल ट्रांजेक्शंस का स्टेटस बार-बार न देखें। (Limit Transaction Status Checks, Avoid System Overload)
- प्राप्तकर्ता का नाम जांचें: पेमेंट से पहले स्क्रीन पर दिखने वाला नाम ध्यान से देखें। (Verify Recipient Name, Prevent UPI Fraud)
प्रभाव और भविष्यये बदलाव सामान्य यूज़र्स के रोज़मर्रा के पेमेंट्स (जैसे दुकानों या P2P ट्रांसफर्स) पर ज्यादा असर नहीं डालेंगे, लेकिन बार-बार बैलेंस चेक करने या ऑटोपे पर निर्भर व्यवसायों को अपने सिस्टम को समायोजित करना होगा। (UPI Everyday Transactions, Business AutoPay Impact) NPCI का लक्ष्य UPI को और अधिक स्थिर और तेज़ बनाना है, ताकि भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम भविष्य में बढ़ते ट्रैफिक को संभाल सके।