BJP Vijay/ Shah Sofiya Qureshi Controversy: मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ उनकी विवादित टिप्पणी को लेकर उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की है।
BJP Vijay/ Shah Sofiya Qureshi Controversy: मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है, जिसमें उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की गई है। यह याचिका मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी कर संवैधानिक पद की शपथ का उल्लंघन किया है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि शाह की टिप्पणी संविधान के अनुच्छेद 164(3) का उल्लंघन करती है। इस आधार पर उनके खिलाफ क्वो-वारंटो रिट जारी कर उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की गई है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मध्य प्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। एसआईटी में 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी और सागर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा, 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी और भोपाल पीएचक्यू में एसएएफ डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती, तथा 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी और डिंडौरी एसपी वाहिनी सिंह शामिल हैं।
प्रमोद वर्मा को 2022 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था। कल्याण चक्रवर्ती दतिया और खरगोन के एसपी रह चुके हैं और 2020 में सीबीआई में एसपी के रूप में कार्य कर चुके हैं। वाहिनी सिंह, जो मूल रूप से राजस्थान की हैं, पहले निवाड़ी जिले में एसपी रह चुकी हैं और एक ईमानदार पुलिस अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं।
विवादित बयान का मामला
एसआईटी ने जांच के दौरान रायकुंडा गांव के सरपंच और सचिव से मुलाकात की थी और घटना के वीडियो फुटेज, उपस्थित लोगों की सूची सहित प्रासंगिक दस्तावेज एकत्र किए थे। विजय शाह ने 11 मई को महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रेस ब्रीफिंग करने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान दिया था।
मंत्री ने कर्नल सोफिया को आतंकियों की बहन कहकर अपमानित किया और कहा, “उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी-तैसी करने उनके घर भेजा।” इस बयान के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है, जहां याचिकाकर्ता ने शाह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।