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New Income Tax Bill 2025 : क्यों निर्मला सीतारमण ने 6 महीने में बदल दिया इनकम टैक्स बिल? जानिए नए बिल में क्या है…

New income tax 2025

New Income Tax Bill 2025 : देश में इनकम टैक्स कानून बदलने जा रहा है। यह आयकर कानून 1961 का है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे बदलाव करने की तैयारी पूरी कर ली है। सोमवार को वित्त मंत्री ने लोकसभा में एक नया इनकम टैक्स बिल पेश किया, जो 1961 के पुराने कानून की जगह लेगा। यह बिल लोकसभा में पास हो गया है। आइये जानते हैं कि इस नए बिल में क्या खास होगा…

लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल पास 

केंद्र सरकार ने 13 फरवरी 2025 को पेश किया गया पिछला इनकम टैक्स बिल, 2025 को वापस ले लिया था। अब यह नया बिल 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किया है। इस नए बिल को संसदीय चयन समिति (Parliamentary Select Committee) की ज़्यादातर सिफ़ारिशों को मिलाकर बनाया गया है। जिसमें सभी ज़रूरी बदलाव एक ही दस्तावेज़ में हैं। राहत की बात यह है कि 12 लाख तक की सालाना आय पर टैक्स से छूट बरकरार रखी गई है।

भ्रम से बचने के लिए बदला गया कानून 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा, “हमें ऐसे सुझाव मिले हैं जिन्हें सही कानूनी अर्थ देने के लिए शामिल करना जरूरी है। इसमें ड्राफ्टिंग की त्रुटियां, शब्दों का मिलान, आवश्यक बदलाव और क्रॉस-रेफरेंसिंग जैसी सुधारें की गई हैं। पुराना बिल भ्रम से बचने के लिए वापस लिया गया और नया ड्राफ्ट अब 1961 अधिनियम को बदलने का आधार बनेगा।”

नए आयकर बिल में क्या है खास 

12 लाख तक की आय पर छूट – नए बिल में भी पुराने बिल में शामिल 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर टैक्स से छूट जारी रहेगी।

नए बिल में कुछ सुधार – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पुराने बिल में कुछ कमियाँ थीं। नए बिल में इन कमियों को दूर किया गया है, ताकि कानून में कोई भ्रम न रहे। इसमें शब्दों का सही चुनाव, ज़रूरी बदलाव और क्रॉस-रेफरेंसिंग (cross-referencing) जैसे सुधार किए गए हैं।

चयन समिति की मुख्य सिफ़ारिशें

चयन समिति की सिफ़ारिशों से कानून में पारदर्शिता और न्याय (justice) बढ़ेगी।

धारा 21 (संपत्ति का सालाना मूल्य) – अब खाली पड़ी प्रॉपर्टी के असली किराए और अनुमानित किराए की तुलना साफ़-साफ़ की जा सकेगी।

धारा 22 (हाउस प्रॉपर्टी से आय में कटौती) – नगरपालिका टैक्स चुकाने के बाद 30% की मानक कटौती (standard deduction) मिलेगी। इसके अलावा, किराए पर दी गई प्रॉपर्टी के लिए निर्माण-पूर्व ब्याज (pre-construction interest) की कटौती भी मिलेगी।

धारा 19 (वेतन कटौती) – जो लोग कर्मचारी नहीं हैं, लेकिन पेंशन फंड से पेंशन पाते हैं, उन्हें भी कम्यूटेड पेंशन (commuted pension) की कटौती मिलेगी।

धारा 20 (व्यावसायिक संपत्ति) – अब अस्थायी तौर पर खाली पड़ी व्यावसायिक प्रॉपर्टी पर हाउस प्रॉपर्टी के रूप में टैक्स नहीं लगेगा।

पुराने बिल में क्या खास था?

फरवरी में जो बिल पेश हुआ था, उसे पिछले 60 सालों में भारत के डायरेक्ट टैक्स कानून में सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा था। पुराने बिल में निम्नलिखित खासियत थी…

आसान भाषा – इस बिल की भाषा आसान थी, जिससे टैक्स भरना आसान होता।

कम जुर्माना – कुछ गलतियों के लिए जुर्माना कम रखा गया था, ताकि टैक्स सिस्टम टैक्स देने वालों के लिए आसान बने।

कोई बदलाव नहीं – टैक्स स्लैब, कैपिटल गेन (capital gain) के नियम या आय के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया था।

विश्वास का सिद्धांत – ‘पहले भरोसा, बाद में जांच’ के सिद्धांत पर काम करने से मुक़दमेबाज़ी (litigation) में कमी आती।

आधुनिक प्रशासन – इसमें सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) की शक्तियाँ बढ़ाई गई थीं और डिजिटल निगरानी पर ज़ोर दिया गया था।

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