Lok Sabha Election 2024: लोक सभा चुनाव निकट है. सभी पार्टियां चुनावी मैदान में है. सबकी तैयारी भी जोरो पर है. चुनाव के इस दंगल में कोई अकेले लड़ने को तैयार है तो कोई गठबंधन के साथ. इशारा कांग्रेस-आप जोड़ी और भाजपा की तरफ है. जबसे यह स्पस्ट हुआ है कि लोकसभा के चुनाव में आप और कांग्रेस एक साथ उतरने वाली हैं, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सतर्क हो गया है. लगभग सभी लोकसभा क्षेत्रों में योग्य प्रत्याशियों की तलाश यात्रा शुरू कर दी गई है.
पदाधिकारियों से मांगे जा रहे हैं रिपोर्ट
रिपोर्ट्स के अनुसार, सभी संसदीय क्षेत्रों के पदाधिकारियों को सांसदों से जुड़ी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है. साथ ही नामो एप के सहारे पार्टी के सभी सांसदों के कामकाज को लेकर आम जनता से सुझाव भी माँगा जा रहा है. स्पस्ट है की आगामी चुनाव में इसे टिकट बंटवारे का आधार बनाया जाएगा।
कांग्रेस-आप गठबंधन का प्रभाव
सीटों के बटवारे को लेकर पार्टी अभी से आक्रामक हो गई है. ऐसे में अपने संसदीय क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और जनता से दूरी बनाने वाले सभी सांसदों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. राजनीती के महारथियों का मानना है की भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन में आने के कारण ही इतनी मुस्तैदी दिखा रही है.
जनता में सांसदों को लेकर नाराज़गी
बताया जा रहा है कि कई सांसदों को लेकर आम जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराज़गी भी है. जिसके मद्देनज़र सभी सीटों से सम्बंधित पदाधिकारियों से बात कर सांसदों के कामकाज की जानकारी ली जाएगी और फिर इसी के आधार पर संभावित प्रत्याशियों के नाम की सूचि भी तैयार की जाएगी.
“इस बार ज्यादा सीटें काटेंगी”
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले चुनाव के मुताबिक़ इस बार ज्यादा सांसदों के टिकट कट सकते हैं. ध्यान हो, साल 2019 में पूर्व दिल्ली से सांसद महेश गिरी का टिकट काट गौतम गंभीर के नाम को आगे रखा गया. वहीं, उत्तर-पश्चिम दिल्ली से उदित राज के जगह हंस राज हंस को मौका दिया गया था. ऐसे में भाजपा के कुछ नेताओं का कहना है कि इस चुनाव में पार्टी पिछले चुनाव से ज्यादा सांसदों के टिकट काट सकती है. वर्तमान समय में दिल्ली की सातों सीट भाजपा के पास ही है. ऐसे में देखना यह होगा की इन सातो सीटों से भाजपा अपने किस चेहरे के साथ चुनावी दंगल में अपना देव खेलने उतरेगी.
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