Russia Ukraine War: दिसंबर 2023 में यूक्रेन के खिलाफ रूस की तरफ से लड़ते हुए 6 नेपाली मारे गए. यह खबर सामने आने के बाद नेपाल ने रूस से कहा कि वो उसके नागरिकों का इस्तेमाल बंद करे. नेपाल के कई नौजवान पैसे की खातिर रूस के लिए जंग लड़ने गए हैं. काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, मॉस्को ने पिछले महीने जंग में मारे गए नेपालियों के परिवारों को मुआवजा देने पर सहमति जताई थी. जंग में अब तक 14 नेपाली मारे जा चुके हैं
Russia Ukraine War: रूस में फंसे कुछ नेपाली युवकों ने भारत सरकार से मदद मांगी है. इन लोगों का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें वो कह रहे हैं कि उन्हें धोखे से रूसी आर्मी में भर्ती कराया गया और जंग लड़ने भेजा गया. वीडियो में युवक भारत सरकार से उन्हें वापस नेपाल पहुंचाने के लिए मदद मांग रहे हैं. उनका कहना है कि नेपाल सरकार मदद नहीं कर पा रही है इसलिए भारत सरकार इस मामले में दखल दे.
वायरल वीडियो में क्या कहा नेपाली युवकों ने
Russia Ukraine War: मिलिट्री की ड्रेस पहने नेपाली युवकों ने वीडियो में कहा कि हमें हेल्पर की नौकरी ऑफर हुई थी. रूस पहुंचने पर आर्मी में भर्ती कर लिया गया और यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने भेजा दिया गया. हमने मॉस्को स्थित नेपाली एंबेसी से मदद मांगी लेकिन हमें मदद नहीं मिली। भारत और नेपाल के बीच अच्छे संबंध हैं इसलिए हम भारत सरकार से अपील करते हैं वो हमें यहां रेस्क्यू करे. हमारे साथ तीन भारतीय युवक भी जंग लड़ रहे थे. भारत सरकार ने उन्हें रेस्क्यू कर लिया है. भारत की एंबेसी पावरफुल है हम 30 लोग रूस आए थे. अब सिर्फ पांच ही बचे हैं. हमारी मदद करें।
दिसंबर 2023 में मारे गए थे 6 नेपाली
दिसंबर 2023 में यूक्रेन के खिलाफ रूस की तरफ से लड़ते हुए 6 नेपाली मारे गए. यह खबर सामने आने के बाद नेपाल ने रूस से कहा कि वो उसके नागरिकों का इस्तेमाल बंद करे. नेपाल के कई नौजवान पैसे की खातिर रूस के लिए जंग लड़ने गए हैं. काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, मॉस्को ने पिछले महीने जंग में मारे गए नेपालियों के परिवारों को मुआवजा देने पर सहमति जताई थी. जंग में अब तक 14 नेपाली मारे जा चुके हैं
पैसों के लिए जोखिम उठाते हैं नेपाली
वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर नेपाली नागरिक पैसा कमाने के लिए दूसरे देशों में जाते हैं. कई बार ये बेहद जोखिम वाले काम भी करते हैं. खास बात यह है कि नेपाली नागरिक जितना पैसा अपने देश भेजते हैं, वो करीब-करीब नेपाल की जीडीपी के बराबर है. भारत के अलावा ब्रिटिश आर्मी में भी नेपाली गोरखा रिक्रूट किए जाते हैं. यह सिलसिला 1815 में शुरू हुआ था. उस वक्त भारत पर ब्रिटेन का शासन था. ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ कई बार यूनिट से मिली थीं.
भारत में हुआ था यूक्रेन-रूस युद्ध में भारतीयों को भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़
7 मार्च को CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो)ने मानव तस्करी से जुड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। यह गिरोह विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर भारतीयों को रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में ले जाता था. एजेंसी की जांच में सामने आया कि इन फर्मों ने 35 भारतीयों को अच्छी नौकरियों का झांसा देकर रूस और यूक्रेन भेजा है. वहां उन्हें जबरदस्ती यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने को भेजा गया है. हालांकि इनमें से कितनों को जंग लड़ने को तैनात किया गया है. ये आकड़ा अभी साफ नहीं है.