Nehru Letters Row: सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के पास भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru Letters) के कई लेटर्स हैं. ऐसे लेटर्स जिन्हे पंडित नेहरू ने एडविना माउंटबेटन (Nehru Edwina Mountbatten Letter) अल्बर्ट आइंस्टाइन (Nehru Letter to Albert Einstein )और जयप्रकाश नारायण सहित इतिहास के पन्नों में दर्ज अहम लोगों को लिखे थे. इन लेटर्स में क्या लिखा है ये किसी को नहीं मालूम लेकिन जिनके पास ये हैं उन्हें जरूर पता है तभी तो सोनिया और राहुल गांधी इन लेटर्स (Sonia Gandhi Hiding Nehru’s Letters) को वापस लौटा नहीं रहे हैं.
नेहरू के डॉक्युमेंट क्यों छुपा रही कांग्रेस
दिल्ली में स्थापित प्रधान मंत्री म्यूजियम (PM Museum) की तरफ से राहुल गाँधी को एक चिट्ठी लिखी गई है, इसमें राहुल गांधी से पंडित नेहरू से जुड़े दस्तावेजों को वापस लौटाने की बात कही गई है। नेहरू से जुड़े ये डॉक्युमेंट्स 2008 में 51 बक्सों में भरकर सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे, लेकिन 16 साल गुजर गए सोनिया गांधी ने वो 51 बक्से कभी वापस लौटाए ही नहीं।
1971 में इन लेटर्स को, जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड द्वारा, पीएम म्युसियम को सौंप दिया गया था. ये दस्तावेज भारत के इतिहास के लिए जरूरी थे। म्युसियम को एक बार डोनेट की गई चीज़ें वापस नहीं की जातीं मगर, 2008 में कांग्रेस सत्ता में थी और सोनिया गांधी सुप्रीम लीडर इसी लिए उनकी डिमांड को रोकने की हिम्मत कौन करता । इसी लिए सोनिया गांधी ने नियम विरुद्ध जाकर उन लेटर्स को वापस मंगवा लिया।, म्युसियम ने 5 मई , 2008 के दिन इन लेटर्स को 51 बक्सों में भरकर सोनिया गांधी को भेज दिया था मगर इन लेटर्स को वापस मंगवाने के पीछे सोनिया गांधी क मंशा क्या थी ये भी नहीं बताया गया.
सोनिया गांधी वापस नहीं लौटा रहीं नेहरू के दस्तावेज
पीएम म्युसियम सोसाइटी के सदस्य रिजवान कादरी ने कहा कि, इसी साल सितंबर में उन्होंने सोनिया गांधी को लेटर लिखते हुए पंडित नेहरू से जुड़े सभी दस्तावेजों को लौटाने की मांग की थी. मगर सोनिया गांधी की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया. उन्होंने लेटर में कहा था कि या तो सोनिया गांधी सभी लेटर्स वापस कर दें, या फिर इन्हे स्कैन करने की इजाजत दें, ताकि इन्हे सहेजा जा सके, जब सोनिया गांधी की तरफ से जवाब नहीं मिला तो इसके बाद इतिहासकार रिजवान ने उन डॉक्युमेंट्स को वापस करने के लिए राहुल गाँधी को 10 दिसंबर के दिन लेटर लिखा और राहुल गांधी की तरफ से भी कोई जवाब नहीं दिया गया. रिजवान कादरी का कहना है कि सोनिया गांधी को उन लेटर्स में कुछ आपत्तिजनक लगा होगा इसी लिए उन्होंने इन्हे वापस मंगवा लिया था, जबकि बीजेपी नेता संबित पात्रा का कहना है उन ललेटर्स में ऐसा क्या है जो गांधी परिवार देश से छुपा रहा है ?
नेहरू के लेटर्स में क्या था, पता नहीं
प्रधान मंत्री म्युसियम की तरफ से पहले भी नेहरू के गायब हुए कागजात को वापस लाने का मुद्दा उठाया गया था, अब म्युसियम चाहता है कि इन लेटर्स की फोरेंसिक ऑडिट हो ताकि ये पता किया जा सके कि कहीं इन डॉक्युमेंट्स के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ तो नहीं की गई ? बता दें कि सोनिया गांधी के पास 51 बक्सों में मौजूद पंडित नेहरू के ऐसे लेटर्स हैं जो उन्होंने एडविना माउंटबेटन, जेपी नारायण, अल्बर्ट आइंस्टाइन, पद्मजा नायडू, विजयलक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन और गोविन्द वल्लभ पंत को लिखे थे. मगर अब सोनिया गाँधी इन्हे वापस ना तो लौटा रही हैं न ही सहेजने के लिए इनकी स्कैनिंग होने दे रही हैं। संसद में भी बीजेपी ने ये मुद्दा उठाया तो कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी अडानी मामले में ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रही है .
देखा जाए तो सोनिया गांधी के पास मौजूद इन दस्तावेजों से भारत के इतिहास में हुई घटनाओं को अच्छे से समझा जा सकता है, ये जाना जा सकता है कि आखिर नेहरू से माउंटबेटन की क्या चर्चा हुई , उन्होंने आइंस्टाइन से क्या बातें कीं ? मगर ऐसे जरूरी दस्तावेजों को देश की नज़र से छुपाने रखने का असली कारण पता नहीं चल रहा है. सोशल मीडिया में भी लोग पूछ रहे हैं कि उन लेटर्स में क्या है ? इसे देश के सामने लाना चाहिए।