Khandva News: 21 मई को ज्योति ओसवाल को किडनी की समस्या के कारण पम्पुरी अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालत बिगड़ने पर उन्हें इंदौर रेफर कर दिया गया। 16 जून को इंदौर के अरविंदो अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। जरूरी जांचें न होने के कारण ऑपरेशन के बाद उनके शरीर में संक्रमण फैल गया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
Khandva Hindi News: खंडवा पुलिस ने सेंट रिचर्ड पम्पुरी अस्पताल के डॉ. शेख वाजिद के खिलाफ केस दर्ज किया है। उन पर एक मरीज के किडनी ऑपरेशन में लापरवाही का आरोप है, जिससे मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने इसकी शिकायत कलेक्टर ऋषव गुप्ता से की थी। इसके बाद सीएमएचओ ने जांच टीम गठित की, जिसकी रिपोर्ट में लापरवाही की पुष्टि हुई।
क्रिमिनल लॉयर रोचक नागौरी ने बताया कि डॉक्टर पर धारा 106(1) (लापरवाही से मृत्यु) के तहत केस दर्ज किया गया है। इसमें अधिकतम 5 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। सीएमएचओ डॉ. ओपी जुगतावत ने कहा कि जांच में डॉक्टर के इलाज में खामियां पाई गईं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन पर अभी कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं है।
ऑपरेशन से पहले जरूरी टेस्ट नहीं किए गए
जांच टीम के अनुसार, किडनी ऑपरेशन से पहले खून और पेशाब की कई जांचें जरूरी होती हैं। ये जांचें मरीज की किडनी की स्थिति और ऑपरेशन के दौरान जटिलताओं को रोकने में मदद करती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, पेशाब में प्रोटीन, खून की मात्रा और किडनी की कार्यक्षमता की जांच अनिवार्य है। इनमें से कोई भी जांच छूटने पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। चिनाई रोजड़ी की रहने वाली ज्योति ओसवाल के मामले में यही हुआ। जरूरी जांचें न होने के कारण ऑपरेशन के बाद उनके शरीर में संक्रमण फैल गया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
किडनी की बीमारी के चलते हुई थी भर्ती
21 मई को ज्योति ओसवाल को किडनी की समस्या के कारण पम्पुरी अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालत बिगड़ने पर उन्हें इंदौर रेफर कर दिया गया। 16 जून को इंदौर के अरविंदो अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद परिजनों ने पम्पुरी अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया।
परिजनों ने की तोड़फोड़
डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की और कांच फोड़ दिए। एसडीएम बजरंग बहादुर, सीएसपी अभिनव बारंगे और पुलिस बल मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने परिजनों को समझाकर मामला शांत किया।
डॉक्टर ने कहा था- चार दिन में ठीक हो जाएगी
ज्योति के पति मनोज ओसवाल ने बताया कि उनकी पत्नी किडनी का इलाज कराने पम्पुरी अस्पताल गई थीं। डॉ. वाजिद ने चेकअप के बाद कहा था कि चार दिन में वह ठीक हो जाएंगी। 22 मई को दोपहर 3:30 बजे ऑपरेशन के लिए ले जाया गया और रात 8:30 बजे बाहर लाया गया। ज्योति ने बताया कि उनके पैर काम नहीं कर रहे थे। डॉक्टर ने इसे दर्द की वजह बताया।
हालत बिगड़ी तो इंदौर रेफर
मनोज के अनुसार, ऑपरेशन के बाद ज्योति के पैरों पर काले धब्बे उभर आए। डॉक्टर ने एक जांच कर इंजेक्शन दिया, लेकिन हालत बिगड़ती गई। इसके बाद डॉ. वाजिद ने कहा कि उन्हें इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती कर दें। वहां 8 दिन बाद ज्योति के दोनों पैर काट दिए गए और 8 दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई।
आयुष्मान कार्ड के बावजूद कर्ज लेना पड़ा
परिजनों ने बताया कि उनके पास आयुष्मान कार्ड था, लेकिन पम्पुरी अस्पताल में 50 हजार रुपये जांच के नाम पर लिए गए। अरविंदो अस्पताल में 25 दिन के इलाज में 1.5 लाख रुपये खर्च हुए। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद उन्हें मुफ्त इलाज की उम्मीद थी। डॉक्टर ने पर्ची पर साइन करवाकर कहा कि यह इलाज मुफ्त नहीं है। आयुष्मान योजना की 5 लाख की लिमिट खत्म होने पर परिजनों ने 2 लाख रुपये कर्ज लिया।