रीवा। विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल में दूर दराज से मरीज ईलाज के लिए आते है, लेकिन यहां का आलाम ऐसा है कि मरीजों को ईलाज के नाम पर धक्के खाने पड़ रहे है। ऐसा ही एक मामला सामने आ रहा है। यहा आकाशीय बिजली की जद में आए 13 साल के बच्चे को ईलाज के लिए परिजन लेकर पहुचे थें। अस्पताल में बच्चे का ईलाज करने के बजाए उन्हे इधर-से-उधर दौड़ाते रहे। इतना ही नही परेशान करने के लिए बॉटल लगाकर परिजनों को पकड़ा दिए। तकरीबन दो घंटे तक परेशान मरीज और उसके परिजनों ने सीएम हेल्पलाइन में इसकी शिकायत किए। जिससे अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और बच्चे का ईलाज शुरू हो पाया।
इस तरह से भटकते रहे परिजन
परिजनों के अनुसार पहले उन्हें बर्न वॉर्ड भेजा गया। जहां बच्चे को एडमिट करने से मना कर दिया गया। बाद में बच्चे को 7 नंबर वॉर्ड में भेजा गया। लेकिन वहां भी भर्ती नहीं किया गया। जिसके बाद परिजन बच्चे को लेकर खड़े रहे और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में फोन करके शिकायत किए। 2 घंटे की देरी से बच्चे को किसी कदर बच्चा वॉर्ड में भर्ती किया गया। तब तक उसकी हालत काफी बिगड़ गई और वह अब वेंटिलेटर पर है।
महोबा से लेकर आए थे परिजन
बताया जाता है कि 13 वर्षीय मनीष साहू 30 अगस्त को आकाशीय बिजली की जद में आने से उसकी तबियत खराब हो गई थी। परिजन उसे पहले महोबा के अस्पताल में भर्ती किए थे और फिर पन्ना अस्पताल ले गए। ईलाज के दौरान पन्ना से रीवा के अस्पताल भेजा गया था। परिजन रीवा के अस्पताल बच्चे को लेकर पहुचे थे, लेकिन लापवाही के चलते वें अस्पताल में ईलाज के लिए परेशान रहें। इस मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर राहुल मिश्रा का कहना है कि यह मामला सामने आया है और इसमें जांच करवाई जा रही है। लापरवाही किसी भी तरह से बर्दाश्त नही की जाएगी।