NEET UG 2024: नीट – यूजी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। इस मामले में अदालत ने अपना फैसला भी सुना दिया है। देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि नीट – यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं होंगी।
नीट – यूजी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। अदालत ने इस पर अपना फैसला भी सुना दिया है. अदालत ने आईआईटी दिल्ली की एक रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस नें कहा कि प्राप्त साक्ष्य के आधार पर पेपर लीक होने के कोई संकेत नहीं है.
कोर्ट नें आगे कहा कि जो तथ्य उसके पास उपलब्ध है उसके आधार पर दोबारा परीक्षा कराना उचित नहीं होंगे। अदालत ने नीट – यूजी की परीक्षा दोबारा कराने से इनकार कर दिया।
याचिकाकर्ता के सीनियर वकील संजय हेगड़े ने अपनी दलील में कहा है कि ये साफ है कि 4 मई को स्टूडेंट्स को पेपर मिल चुका था। उन्होंने पेपर के सही जवाब याद किए और फिर भी फेल हो गए। पेपर लीक के लिए लंबी टाइमलाइन जरूरी है, कम समय में ये हो ही नहीं सकता।
155 छात्रों को मिला फायदा
चीफ जस्टिस ने कहा कि अभी CBI जांच अधूरी है इसलिए हमने NTA से हमने यह स्पष्ट करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बाड़े पैमाने पर हुई है या नहीं। NTA ने IIT मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है. जबकि CBI की रिपोर्ट में 155 ऐसे छात्र है जिन्हें गड़बड़ी का फायदा मिला है. आगे चीफ जस्टिस ने कहा कि पुराने सिलेबस के आधार पर दो आंसर को सही मानकर नंबर दिए गए थे. एनटीए अब इसी के आधार पर अपना रिजल्ट घोषित करे. ऐसा करने से पूरी रैंकिंग लिस्ट बदल जाएगी.
IIT दिल्ली की रिपोर्ट
इससे पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने सोमवार को आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को भौतिकी के इस विवादित प्रश्न को लेकर तीन विषय विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने तथा मंगलवार दोपहर तक सही जवाब पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। वहीं, सुनवाई शुरू होने पर सीजेआई ने रिपोर्ट में लिखी बातों का हवाला दिया और कहा, ‘हमें आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट मिली है। आईआईटी निदेशक रंगन बनर्जी ने भौतिकी विभाग की एक समिति गठित की और वे बताते हैं कि तीन विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रश्न की जांच की। टीम का कहना है कि चौथा विकल्प सही जवाब है।’