राष्ट्रिय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने समाजशास्त्र और इतिहास की किताबों में बदलाव किये हैं. जिनमें हड़प्पा सभ्यता की उत्पति और वैदिक सभ्यता के बीच संबंधों पर शोध की कुछ बातें जोड़े जाने की बात कही गई है. साथ ही,हाल ही में हुए राखीगढ़ी के शोधों को लेकर भी कुछ बदलाव किये गए हैं. वहीं मराठाओं को लेकर भी कुछ बदलावों की बात की गई है.
हाल ही में आये राखीगढ़ के प्राचीन DNA को लेकर राष्ट्रिय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्ष्ण परिषद (NCERT) ने कक्षा 12 की समाजशास्त्र और इतिहास के पाठ्यक्रमम में कुछ बदलाव किए हैं. यही जानकारी जोड़ने की बात कही गई है, इस सम्बन्ध में ,राखीगढ पुरास्थल पर हाल ही में किये गए पुरातत्व-अनुवांशिक अनुसन्धान का उल्लेख करना आवश्यक है.यह पुरास्थल हरियाणा के हिसार जिले में स्थित है, सबसे बड़ा हड़प्पाकालीन शहर है,जो 550 हेक्टेयर क्षेत्र में फैसला हुआ. हड़प्पावासियों के आनुवंशिक इतिहास का अध्ययन करने के लिए राखीगढ़ी में खुदाई से प्राप्त मानव कंकाल के अवशेषों से DNA निकाला गया था. यह शोध कार्य डेक्कन कॉलेज,डीम्ड यूनिवर्सिटी,पुणे द्वारा सेंटर फॉर सेक्युलर एन्ड मॉलिक्युलर बायोलॉजी,हैदराबाद और हॉर्वर्ड मेडिकल कॉलेज के सहयोग से किया गया है. आकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि हड़प्पावासी इस क्षेत्र के निवासी थे.
इसके अलावा हड़प्पा के लोगों के मूल निवासी होने की बात कही गई है.कहा गया है कि ये छात्रों की आलोचनात्मक सोच के लिए जोड़ा गया है. बदलाव इस प्रकार है.
हड़प्पा और वैदिक लोगों के बीच संबंधों पर और अधिक शोध की आवश्यकत। कुछ विद्वानों का तर्क है कि हड़प्पावासी ही वैदिक लोग थे.
आगे कहा गया है,
ऐसा प्रतीत है कि हड़प्पावासियों ने एक प्रकार की लोकतांत्रिक प्रणाली को अपनाया था. क्योंकि उस समय में भवनों एवं सुविधाओं को लोगों के लिए और लोगों द्वारा बनाया गया था.