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रीवा पहुचे नेवी चीफ ने कहा समुद्री सुरक्षा अंहम, 2047 तक विकसित भारत में युवा महत्वपूर्ण

रीवा। भारतीय नौसेना के चीफ दिनेश कुमार त्रिपाठी शनिवार को रीवा के टीआरएस कॉलेज में युवाओं को होमवर्क देते हुए कहा कि समुद्री सुरक्षा सभी देशों के लिए सबसे अंहम होती है। उन्होने कहा कि इतिहास गवाह है कि समुद्र के रास्ते दूसरे देश के लोग पहुचे और देश में अतिक्रमण कर लिए थें, लेकिन अब भारतीय नौसेना पूरी तरह से सुरक्षा में मुस्तैद है। उन्होने कहां कि पहले इतनी तकनीकें नही थी तब भी नौसेना ने सुरक्षा को कवच के रूप में बनाकर रखा और अब नई तकनीकों का भी सुरक्षा में उपयोग हो रहा है। उन्होने कहा नेवी मैन पूरे उत्साह के साथ पानी में अपनी नौकरी की उम्र पूरी करता है, लेकिन देश की सुरक्षा में उसका उत्साह कभी भी कंम नही होता है और यही सुरक्षा में कवच बनता है। नौसेना जैसे शक्तिशाली सैन्य संगठन का उदाहरण देते हुए उन्होंने ‘संयुक्त शक्ति’ की अवधारणा को रेखांकित किया, जहाँ थल, वायु और जल सेनाएँ मिलकर राष्ट्र की रक्षा करती हैं।

देश के नाम है महासागर

नेवी चीफ ने कहा कि यह वह देश है जिसके नाम से हिन्द महासागर भू-धरा पर है। उन्होने कहा कि समुद्री तल अनंत है और उसकी सुरक्षा उतनी ही चुनौती पूर्ण, लेकिन नेवी इस पर पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही है। स्वयं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि नेवी की सीमांए अनंत है, लेकिन सुरक्षा में कोई कंमी नही है। इस तरह की बातों से नौसेना का मनोबल बढ़ता है।

युवाओं पर है विकसित भारत की जिम्मेदारी

नेवी चीफ श्री त्रिपाठी ने कहा कि देश को विकसित और विकासशील बनाने में युवाओं की जिम्मेदारी अंहम है, लेकिन इसके लिए उन्हे काफी कठिन परिश्रम करना पड़ेगा। तभी 2047 तक भारत पूर्ण रूप से विकसित होकर सामने आएगा। युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के साथ ही अपने गांव, राज्य और देश के बारे में भी बेहतर से बेहतर सोचना होगा, क्योकि आने वाला समय उन्ही का है, अन्यथा समय निकल जाने पर काश मैं थोड़ा और मेहनत कर लेने का महज पक्षताव ही रहा जाएगा। उन्होने कहा कि सफलता की कुंजी केवल परिश्रम है।

उन्होंने कहा कि आज का युवा ही कल का राष्ट्र निर्माता है उसकी सोच और संकल्प ही देश की दिशा और दशा तय करते हैं। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को समझाया कि आत्मसंयम, समय का सम्मान, राष्ट्रभक्ति और नेतृत्व के गुण किसी भी क्षेत्र में सफलता के मूल मंत्र हैं। उन्होंने छात्रों को समाज के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया और कहा कि यह शताब्दी भारत की है, ऐसे में युवा विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे ऐसे कार्य करें, जिससे वे समाज के लिए उदाहरण बन सकें। उन्होंने उन्हें कठोर परिश्रम करने और अपने प्रयासों का सर्वाेत्तम समाज को देने की सीख दी। आत्ममूल्यांकन के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि असफलताओं से हताश होने के बजाय उनसे सीख लेकर नए उत्साह और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

रीवा में लिया था प्रारंभिक ज्ञान

नेवी चीफ दिनेश त्रिपाठी इस विंध्य की धरती के ही लाल है और उन्होने अपनी प्रंरभिक पढ़ाई अपने गांव के स्कूल में शुरू किए। बाद सैनिक स्कूल रीवा के छात्र रहे और अब नेवी के उच्च पद पर देश की सुरक्षा की कमान सम्हाल रहे है। नेवी चीफ का कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर अर्पित अवस्थी समेत समस्त स्टाफ ने स्वागत और सम्मान किए।

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