Navratri Puja Jau : नवरात्रि के बोए हुए जौ घर में सुख और अच्छे भाग्य लाते हैं। इस जौ को फेंका नहीं जाता। यहां जानिए कि जौ का क्या करना चाहिए। साथ ही, विसर्जन के बाद कलश, सिक्का और सुपारी का क्या करें, यह भी जानिए।
नवरात्रि के जौ का क्या करें?
नवरात्रि के दौरान बोए गए जौ को नौवें या दसवें दिन अच्छे से काटना चाहिए। कुछ दाने लाल कपड़े में बाँधकर तिजोरी या पर्स में रखे जाएं। ऐसा माना जाता है कि इससे पैसा मिलना बढ़ता है। फिर, बची हुई हरी पौधियों को नदी में विसर्जित करें या पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे रख दें, लेकिन घर में सूखने न दें।
जौ को कहाँ रखें?
कुछ अंकुरित पौधियों को निकालकर, उन्हें लाल कपड़े में बाँधकर अपनी तिजोरी या पर्स में रखें। इससे घर में पैसा अच्छा आता है। बच्चों की पढ़ाई की किताबों में भी जौ रख सकते हैं। बीमार व्यक्ति के लिए, पौधियों का रस निकालकर पी सकते हैं, इससे आराम मिलता है।
अंकुरित जौ का विसर्जन कैसे करें?
अंकुरित जौ को विधि और श्रद्धा से उबाला जाता है। नवरात्रि के बाद, विसर्जन से पहले, देवी दुर्गा की पूजा कर जौ को प्रसन्न किया जाता है। फिर, जौ को नदी या तालाब में विसर्जित कर दिया जाता है। विसर्जन से पहले, जौ को सिर पर रखकर जुलूस निकाला जाता है। विसर्जन के बाद, कुछ जौ घर में धन स्थान पर रख सकते हैं या परिवार के सदस्यों में बाँट सकते हैं। यदि नदी में विसर्जन न कर सकें, तो जौ को पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे रख सकते हैं।
विसर्जन के बाद कलश, नारियल और सिक्का-सुपारी का क्या करें?
विसर्जन के बाद, आप कलश को अपनी रसोई में चावल या कोई अनाज भरकर रख सकती हैं। इसे तुलसी में पानी देने के काम में भी ले सकते हैं। घर में उस जल का छिड़काव करें, इससे घर में शुभता रहती है। नारियल को प्रसाद की तरह ग्रहण करें, घर के मंदिर में लाल कपड़े में बाँधकर रखें या किसी पेड़ की जड़ में दबा दें।
सिक्का और सुपारी को निकालकर लाल कपड़े में बाँधकर तिजोरी में रखें या पूजा स्थान पर रखें, ताकि घर में धन-वृद्धि हो सके।
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