Navratri Kanya Pujan : कन्या पूजन में न करें ये गलती, रूठ जाती है महागौरी 

Navratri Kanya Pujan : नवरात्रि के अष्टमी और नवमी में कन्या पूजन का बहुत महत्व है। इस दिन छोटी कन्याओं को देवी दुर्गा का रूप मानकर पूजा की जाती है और उन्हें प्रसाद दिया जाता है।यह परंपरा घर में सुख-समृद्धि और माता का आशीर्वाद पाने के लिए होती है। लेकिन, इस दौरान कुछ गलतियां हो सकती हैं, जिन्हें जानकर अपनी पूजा और भी अच्छी बन सकती है।

कन्या पूजन में ध्यान रखने वाली बातें

नवरात्रि व्रत में कन्यापूजन का महत्व है। नौ दिनों के व्रत के आखिरी दिन (अष्टमी या नवमी) नौ कन्याओं को भोजन कराकर उनका पूजन किया जाता है। मगर, कुछ लोग कन्या पूजन करते समय कई गलतियां कर देते हैं। जिससे नवरात्रि का फल नहीं मिलता है और माता गौरी नराज हो जाती है। आइये जानते हैं कि नवरात्रि व्रत में कन्या पूजन के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…

कन्याओं को समान उपहार दें

कन्या पूजन में सभी कन्याओं को एक जैसे उपहार दें, ताकि कोई भी कम न लगे। इससे समानता की भावना बनी रहती है और पूजा का माहौल पुण्यपूर्ण रहता है। कन्या पूजन के लिए बुलाई गई कन्याओँ में भेदभाव नहीं करना चाहिए।

भोजन में क्या शामिल करें

कन्या पूजन में कन्याओं को हलवा, पूरी, काले चने और खीर जैसे सादा और शुद्ध भोजन दें। इन्हें बिना प्याज-लहसुन के पकाना चाहिए। कन्या पूजन के भोजन में सात्विक भोजन ही शामिल करना चाहिए। 

कन्याओँ को उपहार में क्या न दें?

अब ये भी जान लेते हैं कि कन्याओं को भेंट  में क्या देना चाहिए और क्या नहीं? कन्याओं को काले रंग की चीजें, चमड़ा, स्टील या लोहा की वस्तुएं न दें। इससे शनि, राहु और केतु का प्रभाव हो सकता है।

भोजन के समय का ध्यान रखें

अगर कन्याओं का पेट भरा है, तो जबरदस्ती न खिलाएं। उन्हें देवी जैसी मानें और प्यार से व्यवहार करें।

कन्या पूजा स्थल की सफाई करें 

पूजा के बाद तुरंत जगह न साफ करें। कुछ देर तक ऐसी ही रहने दें ताकि पूजा का माहौल बना रहे।

नवरात्रि 2025 की तिथियां

• अष्टमी: 30 सितंबर 2025

• नवमी: 1 अक्टूबर 2025

• कन्या पूजन का शुभ समय: दोनों तिथियों में से कोई भी दिन उपयुक्त है।

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