नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया और राहुल गांधी को दिल्ली कोर्ट का नोटिस, ईडी की चार्जशीट पर बढ़ी मुश्किलें

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस (National Herald Money Laundering Case) में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की नई चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए दोनों नेताओं को नोटिस जारी किया है। यह मामला एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों के कथित अवैध अधिग्रहण से जुड़ा है। आइए, इस मामले के प्रमुख पहलुओं को समझते हैं।

केस का आधार और ईडी की चार्जशीट

नेशनल हेराल्ड केस की शुरुआत 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) की शिकायत से हुई, जिसमें आरोप लगाया गया कि कांग्रेस नेताओं ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (Young Indian Pvt Ltd) के जरिए AJL की संपत्तियों को धोखाधड़ी से हासिल किया। ईडी ने 9 अप्रैल 2025 को दायर चार्जशीट (ED Chargesheet 2025) में सोनिया गांधी को आरोपी नंबर 1 और राहुल गांधी को आरोपी नंबर 2 नामित किया। चार्जशीट में दावा किया गया कि यंग इंडियन, जिसमें सोनिया और राहुल की 38% हिस्सेदारी (38% Stake in Young Indian) है, ने AJL की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को मात्र 50 लाख रुपये में हासिल किया, जो मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) का मामला है।

कोर्ट की कार्रवाई और नोटिस

राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2 मई 2025 को दूसरी सुनवाई में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किया (Court Notice to Gandhis 2025)। इससे पहले 25 अप्रैल को कोर्ट ने ईडी से और दस्तावेज मांगे थे और नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि चार्जशीट में कुछ दस्तावेज गायब थे (Missing Documents in Chargesheet)। विशेष जज विशाल गोगने (Judge Vishal Gogne) ने ईडी को खामियों को दूर करने का निर्देश दिया था। अब कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए अगली सुनवाई के लिए नोटिस भेजा है।

यंग इंडियन और AJL का विवाद

नेशनल हेराल्ड अखबार (National Herald Newspaper), जिसे 1938 में जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने स्थापित किया था, AJL द्वारा प्रकाशित होता है। ईडी का आरोप है कि यंग इंडियन ने AJL की 99% हिस्सेदारी (99% AJL Shares) को 50 लाख रुपये में हासिल किया, जबकि इसकी संपत्तियां हजारों करोड़ की थीं। सोनिया और राहुल, यंग इंडियन के प्रमुख शेयरधारक (Major Shareholders of Young Indian), इस कथित सौदे के केंद्र में हैं। ईडी ने इसे “आपराधिक साजिश” (Criminal Conspiracy) करार दिया है, जिसमें कांग्रेस के अन्य नेता जैसे मृतक मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) और ऑस्कर फर्नांडिस (Oscar Fernandes) भी शामिल थे।

कांग्रेस का पक्ष और राजनीतिक प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने इस कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” (Political Vendetta) करार दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि यह चार्जशीट 2029 के चुनावों से पहले गांधी परिवार को बदनाम करने की साजिश है। पार्टी ने देशभर में विरोध प्रदर्शन (Nationwide Congress Protests) किए, जिसमें तेलंगाना और बिहार में कार्यकर्ताओं ने सड़कों और रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया। वहीं, बीजेपी ने इसे कांग्रेस की भ्रष्टाचार की मिसाल बताया (BJP on Congress Corruption)। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने दावा किया कि गांधी परिवार ने बिना एक पैसा खर्च किए 2,000 करोड़ की संपत्तियां हासिल कीं।

बीजेपी और कांग्रेस का टकराव

बीजेपी ने नेशनल हेराल्ड केस को कांग्रेस के “भ्रष्टाचार का मॉडल” (Congress Corruption Model) करार दिया। गोवा में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी का पुतला जलाया (Rahul Gandhi Effigy Burnt) और कांग्रेस हाउस के पास प्रदर्शन किया। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने इसे “मां-बेटे की लूट” का मामला बताया। दूसरी ओर, कांग्रेस ने बीजेपी पर बदले की राजनीति (Vindictive Politics) का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि यह मामला पहले बंद हो चुका था, लेकिन सरकार के इशारे पर फिर से शुरू किया गया।

कानूनी स्थिति और भविष्य

सोनिया और राहुल गांधी पहले से ही इस केस में सीबीआई जांच के तहत जमानत पर हैं। ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 3, 44, 45 और 70 के तहत आरोप लगाए हैं, जिसमें कंपनी के अधिकारियों की जवाबदेही (Corporate Liability) भी शामिल है। 11 अप्रैल 2025 को ईडी ने 661 करोड़ रुपये की AJL संपत्तियों को औपचारिक रूप से जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की थी (AJL Asset Seizure by ED)। कोर्ट अब इस चार्जशीट की वैधानिकता पर सुनवाई करेगा, जिससे इस मामले में अगला कदम तय होगा।

नेशनल हेराल्ड केस ने एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक जंग को तेज कर दिया है। सोनिया और राहुल गांधी पर लगे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप (Money Laundering Allegations) न केवल गांधी परिवार की छवि, बल्कि कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति को भी प्रभावित कर सकते हैं। कोर्ट का अगला फैसला इस मामले में निर्णायक होगा, जो भारतीय राजनीति में नई बहस छेड़ सकता है। कांग्रेस इसे सत्ता की साजिश बता रही है, जबकि बीजेपी इसे भ्रष्टाचार का सबूत मानती है।

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