नेशनल हेराल्ड (National Herald Case) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और LOP राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ धन शोधन (Money Laundering) के आरोप में चार्जशीट (Chart Sheet) दायर की है। यह चार्जशीट यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (Young India PVT. LTD.) और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AGL) से जुड़ी कथित वित्तीय अनियमितताओं पर आधारित है। इस कदम ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है, जबकि कांग्रेस ने इसे “राजनीतिक साजिश” करार दिया है।
चार्जशीट में क्या है?
ईडी ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि सोनिया और राहुल गांधी, जो यंग इंडियन कंपनी में 38-38% हिस्सेदारी रखते हैं, एजेएल की संपत्तियों को अनुचित तरीके से हासिल किया। चार्जशीट में कहा गया है कि:
- कांग्रेस ने एजेएल को 90.21 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण दिया, जिसे बाद में यंग इंडियन ने अपने नियंत्रण में ले लिया।
- यंग इंडियन ने एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को महज 50 लाख रुपये में हासिल कर लिया।
- कोलकाता की एक शेल कंपनी, डोटेक्स मर्चेंडाइज, से 1 करोड़ रुपये का असुरक्षित ऋण लिया गया, जिसका उपयोग एजेएल की 99% हिस्सेदारी खरीदने में किया गया।
- इस लेनदेन में धन शोधन और आपराधिक साजिश के सबूत मिले हैं।
चार्जशीट में अन्य कांग्रेस नेताओं, जैसे मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल, का भी उल्लेख है। ईडी का कहना है कि उसने दिल्ली, मुंबई, और लखनऊ में 664 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया है, जिसमें दिल्ली का हेराल्ड हाउस शामिल है।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
National Herald Case In Hindi: नेशनल हेराल्ड, जो स्वतंत्रता संग्राम के दौर में शुरू हुआ एक अखबार था, इस विवाद का केंद्र है। 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने यंग इंडियन के जरिए एजेएल की संपत्तियों को गलत तरीके से हड़प लिया। स्वामी ने दावा किया कि यह लेनदेन धोखाधड़ी और वित्तीय अनियमितता का हिस्सा था।
ईडी ने 2022 से इस मामले की जांच तेज की थी और कई बार सोनिया और राहुल गांधी से पूछताछ की थी। दोनों नेताओं ने दावा किया था कि यह लेनदेन पारदर्शी था और इसमें कोई गलत मंशा नहीं थी।
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने ईडी की चार्जशीट को खारिज करते हुए इसे केंद्र सरकार की “बदले की कार्रवाई” बताया है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “नेशनल हेराल्ड हमारे स्वतंत्रता संग्राम की धरोहर है। यह कोई धन शोधन का मामला नहीं है, क्योंकि इसमें कोई निजी लाभ नहीं हुआ। यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जो संपत्तियों का व्यापारिक उपयोग नहीं कर सकती।” कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
कानूनी स्थिति और अगला कदम
सोनिया और राहुल गांधी 2015 से इस मामले में जमानत पर हैं। दिल्ली की एक अदालत ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप स्वीकार किए थे। अब ईडी की चार्जशीट के बाद यह मामला विशेष अदालत में जाएगा, जहां आरोपियों को जवाब देना होगा। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला जटिल है और इसमें लंबी सुनवाई हो सकती है।