National Farmer’s Day 2023: प्राचीन काल से ही भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है, जहां कि 60 प्रतिशत आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है। इस अवसर पर देश के किसानों के योगदान को लेकर कार्यक्रम किए जाते हैं। इस दिन को किसानों के हिमायती और उनको सशक्त बनाने के लिए कई काम करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य (Celebration) में मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय किसान दिवस 23 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है, तो चलिए जानते हैं आज का इतिहास।
राष्ट्रीय किसान दिवस का इतिहास
हमारे देश में हर साल 23 दिसंबर के दिन राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को किसानों के महिसा और उनको सशक्त बनाने के लिए कई काम करने वाले, भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य (Celebration) में मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंहका जन्म 23 दिसंबर, 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था, वह 1979-1980 के बीच भारत के प्रधानमंत्री रहे और देश में कई किसान-योग्य भूमि सुधार नीतियों में योगदान दिए। वो खुद भी किसान परिवार से होने के कारण किसानों की समस्या और स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ होते थे, इसलिए उन्होंने किसानों के लिए कई सुधार कार्य किए थे। जिसको देखते हुए, 2001 की सरकार नें चौधरी चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाना शुरू कर दिया, और तब से प्रतिवर्ष 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जानें लगा।
राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) मुख्य रूप से भारत के कृषि प्रधान राज्यों में मनाया जाता है, जैसे उतरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्यप्रदेश। इस दिन देश के इन राज्यों में बहुत प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें किसानों को अपनी बातें रखने का मौका मिलता भी मिलता है।
यह दिन कैसे मनाया जाता है?
- सरकार द्वारा किसानों के लिए नई नीतियों की घोषणा करती है।
- कई तरह के कार्य जिला एवं ब्लॉक स्तर पर किसानों के लिए आयोजित किया जाता है।
- किसानों को कृषि बीमा योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है।
- इस दिन जिला ग्रामीण विकास फर्म कृषि और ग्रामीण विकास के कई कार्यो पर सेमिनार, उत्सव और प्रदर्शनियां आयोजित कराई जाती है।
- आयोजनाओं के माध्यम से किसानों को नई-नई जानकारियों से अवगत कराया जाता है।