National Cancer Day 2025 : अब ला-इलाज नहीं कैंसर,हौसलों से मिलेगी नई ज़िंदगी

National Cancer Day 2025 : अब ला-इलाज नहीं कैंसर,हौसलों से मिलेगी नई ज़िंदगी : कभी-कभी ज़िंदगी एक पल में बदल जाती है ,जब शरीर में चल रही उथल-पुथल की जांच रिपोर्ट में कैंसर शब्द लिखकर आ जाता है। ये बीमारी हमारी ज़िंदगी में बिन बुलाए मेहमान की तरह शामिल हो जाती है और इंसान उसी पल से अपनी जिंदगी की बेक – काउंटिंग करना शुरू कर देता है ये सोचकर कि उसके आखिरी दिन शुरू हो गए। जबकि अब ऐसा नहीं है क्योकि आज के दौर में हर अंग के कैंसर का इलाज संभव है और सबसे अच्छी बात यह है कि अब हमारे विंध्य में भी कैंसर के इलाज के लिए भरपूर व्यवस्थाएं हैं. भारत सरकार द्वारा मरीजों को चिकित्सा के प्रावधानों में ऐसी भयावह बीमारियों के लिए आर्थिक सहयोग मिल रहा है. तो फिर डर किस बात का. वर्तमान समय में कैंसर की बीमारी के आंकड़ों को देखा जाए तो ये भी कहीं न कहीं घटते नजर आ रहे हैं. जैसे 2020 तक के आंकड़ों में महिलाओं और पुरुष दोनों में इस बीमारी का कम होना देखा जा रहा है. आपको बता दें कि 2020 में 10 महिलाओं में 8 कैंसर से पीड़ित पाई जाती थीं जबकि पुरुषों में यह आंकडे और भी ज्यादा रहे. वहीं बात करें तो अब ये आंकड़े प्रति 10 महिलाओं में 2 और पुरुषों में 10 में से 1 कैंसर का मरीज पाया जा रहा है जो कि जागरूकता और जमीनी स्तर पर चिकित्सा सुविधाओं का नतीजा है।

यदि कैंसर हो ही गया है तो संकल्प लें हारेंगे नहीं बल्कि कैंसर योद्धा बनेगें

इस अदृश्य बीमारी को हराने के लिए ज़रूरत है तो उस डर को अपने दिलदिमाग से निकालने की, जो शरीर को कैंसर से ज्यादा नुकसान पहुंचाने लगता है, ऐसे में आवश्यकता होती है, सही समय पर ,सही मार्गदर्शन में सही इलाज शुरू करने की। इस बात के लिए संकल्पित होने की, कि यदि आपको कैंसर हो ही गया है तो आप हारेंगे नहीं बल्कि कैंसर योद्धा बनेगें, कैंसर से न डरेंगे और ना ही किसी को डराएंगे। शरीर में आने वाली किसी भी विकृति को छुपाएंगे नहीं बल्कि सही समय पर जाँच कराएंगे और हर उस इंसान के हौसले को बढ़ाएंगे जो इस कैंसर रूपी दानव से दिनरात लड़ रहे हैं। 

 कैंसर मरीज़ के चेहरे की मुस्कान ही कैंसर की हार

रीवा शहर के संभागीय चिकित्सालय के कैंसर यूनिट में भर्ती मरीजों के चेहरे की मुस्कान भी इस बात का सबूत है कि लोगों में अब इस बीमारी का डर कम नहीं बल्कि खत्म हो रहा है. शहर के संजय गाँधी चिकित्सालय की कैंसर यूनिट में 10 दिन पहले ही इलाज के लिए इस महिला से जिसे यूट्रेस कैंसर डाइग्नोस हुआ है जिसका संपूर्ण इलाज हो रहा है जिससे परिजन संतुष्ट है।

सकारात्मक वातावरण और परिजनों व मित्रों की ताकत सबसे ज़रूरी

बीमारी चाहे कोई भी हो इलाज के साथ-साथ लड़ने की ताकत भी हमें खुद में मजबूत होने पर ही मिलती है और उससे कहीं ज्यादा हम मजबूत बनते हैं हमारे आस-पास के सकारात्मक वातावरण से जिसमें हमारे परिजन और मित्रों का सकारात्मक रवैया हमे हिम्मत तो देता ही है साथ ही कैंसर जैसी व्याधि से उबार देता है. ऐंसे एक मरीज को हमने भी देखा जो रेक्टम कैंसर का मरीज है जिनकी स्थिति चिकित्सकों के अनुसार गंभीर तो है लेकिन परिजनों से मिल रही ताकत के चलते वो कैंसर जैसी बीमारी को जरा सी पीड़ा बताकर बिलकुल ठीक होने का दम भरते हुए मुस्कुराते नजर आए।

ट्यूमर मार्कर,एक्स-रे,सीटी स्कैन,एमआरआई,मैमोग्राम-बायोप्सी जैसी जांच ज़रूरी

क्योंकि बात कैंसर जागरूकता दिवस की है तो इस ख़ास मौके पर आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग होना ही जागरूकता की निशानी है, जिसमें चिकित्सकों के अनुसार कुछ ख़ास परीक्षण हैं जो समय-समय पर करवाते रहना चाहिए ताकि शरीर में होने वाली किसी भी ऐसी विकृति को न सिर्फ पहले से पहचाना जा सके बल्कि उसका इलाज भी शुरू किया जा सके. इसके लिए ट्यूमर मार्कर, एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई, मैमोग्राम और बायोप्सी जैसी जांच जरूर करवाना चाहिए। साथ ही अपने स्वास्थ्य को लेकर आपको कुछ ऐसी आदतों से दूर होना होगा जिनसे कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. अत्यधिक शराब गुटखा, तंबाकू और जंक फ़ूड का सेवन न करने और अनियमित दिनचर्या को अनुशासित करने से इस बीमारी को दूर किया जा सकता है। आपको यह जानकारी तो होगी ही कि रीवा शहर के संजय गाँधी मेमोरियल हॉस्पिटल में भी कैंसर जैसी बीमारी के लिए इलाज की व्यवस्था है जहां हर तरह के कैंसर का इलाज संभव है।

कैंसर मरीज नहीं कैंसर योद्धा

ये बात ज्यादातर सामने आती है कि कैंसर एक लाइलाज बीमारी है. अक्सर आपने भी सुना ही होगा। लेकिन हम पहुंचे एक ऐसे व्यक्ति के पास जो इस बात का जीता-जागता प्रमाण है कि नहीं, कैंसर का इलाज है और कैंसर के बाद भी जिंदगी है. हम मिलवाते हैं रीवा शहर के मशहूर शायर रफीक रिवानी से जिन्हें इस बीमारी ने जब जकड़ा तो उन्होंने न सिर्फ इसका मुकाबला किया बल्कि आज भी मुशायरे के मंच पर उनके शेरों-शायरियों पर लोग तालियां बजाते हैं. और आज कैंसर योद्धा बनकर वे लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं।

विंध्य के रीवा में संभव है कमांडो ऑपरेशन भी

कैंसर की बीमारी के इलाज को लेकर अगर विंध्य क्षेत्र की बात करें तो रीवा शहर में ही जहाँ कुछ सुविधाओं की अगर कमी भी होती है तो उन्हें शहर के चिकित्सक बाहर से उपलब्ध कराकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं और तभी हमारे शहर में कैंसर जैसी भयावह बीमारी का कमांडो ऑपरेशन तक संभव हुआ है जो लास्ट स्टेज पर पहुँचने के बाद कैंसर के मरीज को मौत के मुँह से ना सिर्फ बाहर ले आया बल्कि आज उनका परिवार खुशहाल जिंदगी जी रहा है. वहीं शहर के नेशनल हॉस्पिटल में रेडिएशन की सुविधा भी बहुत जल्द उपलब्ध होने वाली है।

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