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National Cancer Awareness Day 2025 : कैंसर क्या है,क्या-बिगड़ी जीवनशैली का परिणाम ?

National Cancer Awareness Day 2025 : कैंसर क्या है,क्या-बिगड़ी जीवनशैली का परिणाम – कैंसर की मूल परिभाषा और यह शरीर में कैसे फैलता है । कैंसर एक ऐसी घातक बीमारी (Deadly Disease) है जिसमें शरीर की कोशिकाए है (cells) अनियंत्रित रूप से बढ़ने और फैलने लगती हैं। सामान्य रूप से कोशिकाएँ एक निश्चित समय तक बढ़ती हैं, फिर मर जाती हैं, लेकिन कैंसर में यह प्रक्रिया रुक जाती है। ये असामान्य कोशिकाएँ एक गांठ या ट्यूमर का रूप ले लेती हैं और धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुँच जाती हैं – जिसे मेटास्टेसिस (Metastasis) कहा जाता है। यही कैंसर को जानलेवा बनाता है। जानिए कैंसर क्या है, यह शरीर में कैसे फैलता है, भारत में हर साल कितने नए मामले सामने आते हैं, पुरुषों और महिलाओं में कौन-कौन से प्रकार सबसे सामान्य हैं और क्यों हमारी जीवनशैली कैंसर के खतरे को बढ़ा रही है।

भारत में बढ़ते कैंसर के आंकड़े-भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं

राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (NCRP) की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लगभग 14 से 15 लाख नए कैंसर केस दर्ज होते हैं। 2030 तक यह संख्या 20 लाख के करीब पहुँचने की आशंका है। कैंसर से हर साल करीब 8 से 9 लाख मौतें होती हैं, जिनमें से अधिकतर मामले देर से पहचान के कारण जानलेवा साबित होते हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में यह समस्या बढ़ रही है, लेकिन जागरूकता और प्रारंभिक जांच (early diagnosis) की कमी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।

पुरुषों और महिलाओं में सबसे सामान्य कैंसर प्रकार

महिलाओं में आम प्रकार –
स्तन कैंसर (Breast Cancer) – भारत में महिलाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला कैंसर।
गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (Cervical Cancer) – जागरूकता और टीकाकरण की कमी के कारण व्यापक।
थायरॉयड और ओवरी कैंसर – हार्मोनल असंतुलन से जुड़े मामलों में बढ़ोतरी।

पुरुषों में आम प्रकार

फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer) – धूम्रपान और वायु प्रदूषण इसका प्रमुख कारण।
मुख और गले का कैंसर (Oral Cancer) – तंबाकू, गुटखा और शराब सेवन से जुड़ा।
प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) – उम्र बढ़ने के साथ इसका जोखिम बढ़ता है। जीवनशैली और पर्यावरण के कारण बढ़ता खतरा आधुनिक जीवनशैली कैंसर के मामलों में बड़ी भूमिका निभा रही है।

तंबाकू और शराब का सेवन

फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और असंतुलित आहार,शारीरिक गतिविधि की कमी (sedentary lifestyle)
वायु और जल प्रदूषण, कीटनाशक और रसायन,तनाव (stress) और नींद की कमी ये सभी कारक शरीर की कोशिकाओं में बदलाव लाकर कैंसर के खतरे को बढ़ा देते हैं। पर्यावरणीय कारणों में औद्योगिक प्रदूषण, रेडिएशन, और अल्ट्रावायलेट किरणों का अधिक संपर्क भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

जागरूकता ही है सबसे बड़ी सुरक्षा

कैंसर का डर वास्तविक है, लेकिन यह अजेय नहीं। अगर हम समय पर जांच (screening) कराएं, संतुलित जीवनशैली अपनाएं, और धूम्रपान व तंबाकू से दूर रहें, तो कैंसर की रोकथाम संभव है। सरकार और स्वास्थ्य संस्थान लगातार जागरूकता अभियान, HPV वैक्सीन और स्क्रीनिंग कार्यक्रमों के ज़रिए इस बीमारी से लड़ने के प्रयास कर रहे हैं। याद रखिए – “कैंसर का इलाज हिम्मत, जागरूकता और समय पर पहचान में छिपा है।”

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