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Hezbollah Chief Nasrallah Death : हिजबुल्लाह चीफ की मौत के 7 दिन के भीतर पैदा हुए 100 ‘नसरल्लाह’ क्या है नसरल्लाह की कहानी।

Hezbollah Chief Nasrallah Death : हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत पर कई मुस्लिम देशों ने चिंता जताई थी। हिजबुल्लाह प्रमुख की मौत से गुस्साए लोगों ने कहा था कि अगर इजरायल एक हसन नसरल्लाह को मार देता है, तो हजारों लोग उसके नक्शेकदम पर चलने के लिए तैयार हो जाएंगे। इस बीच इराक में करीब 100 नवजात शिशुओं का नाम नसरल्लाह रखा गया है। इराक के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। मंत्रालय ने कहा कि नसरल्लाह नाम के 100 बच्चों के जन्म का पंजीकरण किया गया है। आपको बता दें कि इराक के लोगों ने हसन नसरल्लाह के सम्मान में यह कदम उठाया है।

एक साधारण परिवार का बच्चा कैसे बना हिजबुल्लाह प्रमुख? Hezbollah Chief Nasrallah Death

1960 में बेरूत के एक गरीब इलाके में जन्मे नसरल्लाह नौ भाई-बहनों के बीच पले-बढ़े। उनके पिता की एक छोटी सी सब्जी की दुकान थी। नसरल्लाह ने बचपन में ही धार्मिक अध्ययन में अपनी रुचि दिखाई। 16 साल की उम्र में वह अब्बास अल-मुसावी के ध्यान में आए, जो बाद में हिजबुल्लाह के नेता बन गए। 1992 में जब इजरायल ने मुसावी को मार गिराया तो नसरल्लाह को हिजबुल्लाह का नेतृत्व सौंपा गया। उस समय नसरल्लाह की उम्र सिर्फ़ 32 साल थी, लेकिन उन्होंने हिजबुल्लाह को और भी ज़्यादा शक्तिशाली संगठन में बदल दिया। उनके नेतृत्व में हिजबुल्लाह सिर्फ़ एक सैन्य संगठन ही नहीं बना, बल्कि लेबनान की राजनीति में भी अहम भूमिका निभाने लगा।

जानिए क्यों नसरल्लाह जीता था, गुमनामी की ज़िंदगी । Hezbollah Chief Nasrallah Death

2006 में इजरायल के साथ युद्ध के बाद नसरल्लाह गुमनामी की ज़िंदगी जीने लगे। वे ज़्यादातर सार्वजनिक तौर पर नज़र नहीं आते थे। वे सिर्फ़ बड़ी स्क्रीन पर भाषण देते थे। 19 सितंबर को अपने आखिरी भाषण में उन्होंने कहा कि लेबनान में हुए धमाके इजरायल की ओर से युद्ध की घोषणा है। हालांकि, नसरल्लाह इजरायल के सबसे बड़े दुश्मन होने के डर से इस गुमनामी की ज़िंदगी जी रहे थे। दशकों तक हिजबुल्लाह के कई बड़े नेता मारे गए, लेकिन नसरल्लाह अब तक मौत को चकमा देते रहे।

नसरल्लाह ने संगठन को मज़बूत किया।

1992 से हिजबुल्लाह की बागडोर संभालते हुए नसरल्लाह ने संगठन को और मजबूत किया। लेबनान के भीतर हिजबुल्लाह ने राजनीतिक ताकत तो हासिल की, लेकिन विदेशों में मिलिशिया के तौर पर काम करता रहा। ईरान की मदद से सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता बचाने में भी नसरल्लाह ने अहम भूमिका निभाई। 1997 में हिजबुल्लाह के पूर्व नेता शेख सुभी तुफैली ने नसरल्लाह के खिलाफ बगावत की, लेकिन नसरल्लाह ने उसे कामयाब नहीं होने दिया।

नसरल्लाह का अंत के बाद हिजबुल्लाह के अस्तित्व पर खतरा।

नसरल्लाह ने भले ही एक रहस्यमय नेता के तौर पर अपनी पहचान बना ली थी, लेकिन शुक्रवार को इजरायल ने उसे और उसकी योजनाओं को खत्म कर दिया। हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर बमबारी करने के बाद इजरायल ने घोषणा की कि नसरल्लाह अब नहीं रहा। इस हमले में नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह के अस्तित्व पर अब तक का सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

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