पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी पलटी खाकर पहुंचे बसपा की गोद में

NARAYAN TRIPATHI

बसपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद जब नारायण त्रिपाठी से उनकी पार्टी विंध्य जनता पार्टी के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अक्टूबर में उनके द्वारा बनाई गई पार्टी विंध्य जनता पार्टी को चुनाव आयोग ने मान्यता दी है. इतने कम समय में चुनाव नहीं लड़ा जा सकता था

Narayan Tripathi News, Maihar News: विंध्य जनता पार्टी के संस्थापक पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर पलटी खाई है. समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा के बाद अब बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए हैं. उन्होंने गुरुवार 21 मार्च को राजधानी भोपाल में बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. बसपा जॉइन करने के बाद त्रिपाठी ने कहा कि टिकट देने का फैसला बीएसपी नेतृत्व का है. सतना में इस बार कमल नहीं खिलने देंगे। 28 सीट भाजपा भले ही जीत जाए पर सतना में नहीं जीत पाएगी। बसपा को यहां से जिताने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे। त्रिपाठी के साथ रीवा जिले से पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल ने भी बीएसपी जॉइन कर ली है. बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल की मौजूदगी में टीकमगढ़ क्षेत्र से एक नेता ने भी बसपा जॉइन किया है.

अब ‘विंध्य जनता पार्टी’ का क्या होगा

बसपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद जब नारायण त्रिपाठी से उनकी पार्टी विंध्य जनता पार्टी के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अक्टूबर में उनके द्वारा बनाई गई पार्टी विंध्य जनता पार्टी को चुनाव आयोग ने मान्यता दी है. इतने कम समय में चुनाव नहीं लड़ा जा सकता था. विंध्य जनता पार्टी का उदय विंध्य प्रदेश राज्य के पुनर्गठन को लेकर हुआ है और वह काम विंध्य जनता पार्टी करती रहेगी। उन्होंने अपने बेटे को मैहर से चुनाव लड़ाया था. अब वे बीएसपी के साथ आ गए हैं. इसलिए बीएसपी और विंध्य जनता पार्टी के साथ विंध्य के विकास के लिए लड़ाई और तेज करेंगे। विंध्य जनता पार्टी के लिए वो पीछे से काम करते रहेंगे ताकि विंध्य प्रदेश के गठन का काम होगा।

नारायण त्रिपाठी का राजनीतिक सफर

नारायण त्रिपाठी ने साल 2003 में अपने सियासी सफर की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी. वे सपा की टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे. लगभग 10 साल बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा और फिर दूसरी बार विधायक बने. लेकिन कांग्रेस के साथ उनका सफर मात्र 3 साल का रहा. 2016 के उप चुनाव में नारायण त्रिपाठी भाजपा में शामिल हो गए और उप चुनाव जीतकर विधायक बने. 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर की. इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पार्टी विरोधी गतिविधियों को आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी निलंबित कर दिया गया. पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2023 में मैहर सीट से श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट दे दिया। इसके बाद नारायण त्रिपाठी बागी हो गए और उन्होंने ‘विंध्य जनता पार्टी’ का गठन कर 25 सीटों पर प्रत्याशी उतारे। लेकिन, त्रिपाठी समेत सभी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.

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