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राष्ट्रपति भवन के अशोक और दरबार हॉल के नाम बदले गए, जानें क्या मिला नया नाम

अशोक हॉल का नाम बदलकर अशोक मंडप किया गया है. वहीं अब राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल को गणतंत्र मंडप के नाम से जाना जाएगा।

राष्ट्रपाति भवन के अशोक हॉल और दरबार हॉल के नाम बदल दिए गए है. अशोक हॉल का नाम बदलकर अशोक मंडप किया गया है. वहीं अब राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल को गणतंत्र मंडप के नाम से जाना जाएगा। आज से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को 2 वर्ष पूरे हुए हैं। इस मौके पर राष्ट्रपाति भवन के हॉल के नाम बदल दिए गए है.

अशोक हॉल अब अशोक मंडप

राष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक़ , अशोक हॉल में कई अहम आयोजन होते रहते है. अब तक यह विशाल हॉल कई आयोजनों का गवाह बन चुका है. इससे पहले स्टेट बॉल रूम के लिए उपयोग में लाया जाता था। इस हॉल की छत और फर्श का लुक बेहद आकर्षक है। फर्श पूरी तरह लकड़ी का बना हुआ है। इसकी सतह के नीचे स्प्रिंग लगे हुए हैं। अशोक हॉल की छतें ऑयल पेंटिंग से सजाई गई हैं। अब अशोक हॉल अशोक मंडप के नाम से जाना जाएगा।

दरबार हॉल अब गणतंत्र मंडप

इस दरवार हॉल में स्वतंत्र भारत की पहली सरकार का शपथ समारोह हुआ था. इसलिए इसका महत्व बढ़ जाता है. दरबार हॉल की सादगी मन को मोह लेती है. यह वही जगह है जहां श्री राजगोपालाचारी नें 1948 में भारत के गवर्नर जनरल के रूप में शपथ ली थी.

नाम बदलने के पीछे दलीलें

अशोक हॉल का नाम बदलने के पीछे सरकार ने कहा कि , अशोक मंडप नाम भाषा में एकरूपता लाता है, और अंग्रेजीकरण के निशान मिटाता है. इसी के साथ अशोक से जुड़े मूल मूल्यों को भी बरकरार रखता है.

सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि , दरबार जिसका तात्पर्य भारतीय शासकों और अंग्रेजो की अदालतों से है. भारत के गणतंत्र बनने के बाद प्रासंगिकता खो चूका है. बयान में आगे कहा गया है कि ,गणतंत्र की अवधारणा प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गहराई से शामिल है. इस लिए गणतंत्र मंडप इसका सही नाम है.

दरवार हॉल का नाम बदले जाने से कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी ने अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा ,’ दरवार की कोई अवधारणा नहीं है , लेकिन शहंशाह की अवधारणा है.’

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