Name of the terrorists killed in Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया। शुक्रवार, 10 मई 2025 को रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि इस ऑपरेशन में 7 शीर्ष आतंकवादी (Top Terrorists) मारे गए, जो जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े थे। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के जवाब में की गई, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। नीचे मारे गए आतंकियों की सूची और उनके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
ऑपरेशन सिन्दूर में मारे गए आतंकियों के नाम
अब्दुल रऊफ अजहर (Abdul Rauf Azhar)

- संगठन: जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed)
- विवरण: अब्दुल रऊफ जैश के सरगना मसूद अजहर का छोटा भाई था और संगठन का दूसरा सबसे बड़ा कमांडर माना जाता था। वह 1999 कंधार हाईजैक (Kandahar Hijack) में शामिल था, जिसमें भारतीय एयरलाइंस के विमान को हाईजैक कर मसूद अजहर को रिहा करवाया गया था। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल सोफिया कुरैशी (Colonel Sofia Qureshi) ने बताया, “अब्दुल रऊफ बहावलपुर (Bahawalpur) में जैश के मुख्यालय में मारा गया। वह कश्मीर में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था।”
मोहम्मद जमील (Mohammad Jameel)
- संगठन: लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba)
- विवरण: मोहम्मद जमील मसूद अजहर का बहनोई था और लश्कर का टॉप कमांडर माना जाता था। वह 2019 पुलवामा हमले (Pulwama Attack) की साजिश में शामिल था, जिसमें 40 भारतीय जवान शहीद हुए थे। विंग कमांडर विनीत शर्मा (Wing Commander Vineet Sharma) ने कहा, “जमील मुरीदके (Muridke) में लश्कर के प्रशिक्षण शिविर में मारा गया। वह भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा था।”
अबु जिंदाल (Abu Jindal)
- संगठन: लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba)
- विवरण: अबु जिंदाल लश्कर का शीर्ष कमांडर था और सियालकोट (Sialkot) में आतंकी लॉन्च पैड का संचालन करता था। वह कश्मीर में युवाओं को भर्ती करने और हथियार सप्लाई करने में प्रमुख भूमिका निभाता था। कर्नल कुरैशी ने बताया, “अबु जिंदाल की मौत से लश्कर की कमान को बड़ा झटका लगा है।”
यूसुफ अजहर (Yusuf Azhar)
- संगठन: जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed)
- विवरण: यूसुफ अजहर मसूद अजहर का रिश्तेदार था और कंधार हाईजैक में भी शामिल था। वह मुजफ्फराबाद (Muzaffarabad) में जैश के वित्तीय नेटवर्क को संभालता था। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, “यूसुफ अजहर की मौत से जैश की फंडिंग व्यवस्था को गहरा नुकसान पहुंचा है।”
मुदस्सिर अहमद (Mudassir Ahmad)
- संगठन: लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba)
- विवरण: मुदस्सिर लश्कर का हाई-वैल्यू आतंकी था, जो लाहौर (Lahore) में ड्रोन हमलों की साजिश रच रहा था। वह कश्मीर में घुसपैठ की योजनाएं बनाता था। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) ने कहा, “मुदस्सिर की मौत से भारत के खिलाफ ड्रोन हमलों की साजिश को बड़ा झटका लगा।”
अब्दुल मलिक (Abdul Malik)
- संगठन: लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba)
- विवरण: अब्दुल मलिक लश्कर का एक और प्रमुख कमांडर था, जो पुंछ (Poonch) और उड़ी (Uri) में आतंकी हमलों की साजिश में शामिल था। वह सियालकोट (Sialkot) में हथियार डिपो का प्रबंधन करता था। कर्नल कुरैशी ने कहा, “मलिक की मौत से सीमा पार आतंकवाद की सप्लाई चेन टूट गई है।”
हाफिज उमर (Hafiz Umar)
- संगठन: जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed)
- विवरण: हाफिज उमर जैश का विस्फोटक विशेषज्ञ था और 2016 उड़ी हमले (Uri Attack) में शामिल था। वह मुजफ्फराबाद (Muzaffarabad) में आतंकी प्रशिक्षण शिविर चला रहा था। विंग कमांडर शर्मा ने बताया, “हाफिज उमर की मौत से जैश की विस्फोटक क्षमता को गहरा नुकसान पहुंचा है।”
ऑपरेशन का महत्व
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि ये सातों आतंकी भारत के खिलाफ बड़े आतंकी हमलों की साजिश रच रहे थे। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jets) और स्वदेशी ड्रोनों का उपयोग कर इन आतंकियों को उनके ठिकानों पर निशाना बनाया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, “हमारी सेना ने आतंकवाद के खिलाफ सटीक और प्रभावी कार्रवाई की है। इन आतंकियों की मौत से भारत की सुरक्षा को और मजबूती मिली है।”
ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए इन सात आतंकियों की सूची से साफ है कि भारत ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी नेटवर्क को गहरा झटका दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सेना की इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा, “हमारी सेना ने आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने का संकल्प लिया है। यह ऑपरेशन पहलगाम के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि है।”