भोपाल। विधानसभा में मंगलवार यानि की 2 दिसंबर को मध्यप्रदेश नगरपालिका संशोधन अध्यादेश- 2025 सर्वसम्मति से पारित हो गया। इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों का चुनाव अब सीधे मतदाताओं द्वारा कराया जाना है। पहले यह चुनाव पार्षदों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से होता था।
ऐसा बदलाव
अप्रत्यक्ष से प्रत्यक्ष चुनाव- अब मतदाता सीधे नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष चुनेंगे, जबकि पहले पार्षद यह चुनाव करते थे।
सत्र में मंजूरी- राज्य मंत्रिमंडल ने 1 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में इसे पेश करने की मंजूरी दी थी, और अब यह विधानसभा में पारित हो गया है।
स्थिरता पर जोर- इस बदलाव का उद्देश्य नगरपालिका नेतृत्व में अधिक स्थिरता लाना और अविश्वास प्रस्तावों की आवृत्ति को कम करना है, जिसके लिए राइट-टू-रिकॉल का समय ढाई साल से बढ़ाकर तीन साल किया गया है।
सिंघार बोले सुधार की जरूरत
मध्यप्रदेश नगरपालिका संशोधन अध्यादेश पारित होने को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि जो अध्यादेश लागू किया गया है। उसका वे विरोध नही कर रहे है, बल्कि वे सुधार की मांग कर रहे है। इस मामले में विजयवर्गीय ने कहा कि पहले ढाई साल राइट टू रिकॉल के लिए तय था। अब इसे 3 साल कर दिया गया है। डेमोक्रेसी की मजबूती के लिए राइट टू रिकॉल का समय 5 साल की बजाय तीन साल का तय किया गया है।
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