N Chandrashekharan Resignation : देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा समूह की कंपनी टाटा केमिकल्स में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कंपनी के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन अब इस पद पर नहीं रहेंगे। उनकी जगह कंपनी के निदेशक एस पद्मनाभन को नया चेयरमैन बनाया गया है। चंद्रशेखरन टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के चेयरमैन हैं और दिवंगत रतन टाटा के करीबी माने जाते हैं। रतन टाटा का पिछले साल अक्टूबर में निधन हो गया था। चंद्रशेखरन रतन टाटा के करीबी माने जाते थे। रतन टाटा उन पर काफी भरोसा करते थे।
2017 में टाटा केमिकल्स के चेयरमैन बने थे। N Chandrashekharan Resignation
चंद्रशेखरन को साल 2017 में टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था। एन चंद्रशेखरन ने टाटा केमिकल्स के बोर्ड को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने बताया कि वह अब टाटा केमिकल्स के चेयरमैन क्यों नहीं रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अभी उनके पास काफी काम है और वह इसे करते रहेंगे। इसलिए वह यह पद छोड़ रहे हैं। चंद्रशेखरन के पास टाटा केमिकल्स के करीब करोड़ों रुपये के शेयर हैं। वे नवंबर 2020 में कंपनी के बोर्ड में शामिल हुए थे।
क्या कहता है नियम? N Chandrashekharan Resignation
नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति 20 कंपनियों में डायरेक्टर बन सकता है। इन कंपनियों में निजी, सार्वजनिक, सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध सभी तरह की कंपनियां शामिल हैं। टाटा मोटर्स अब दो अलग-अलग कंपनियों में बंट रही है। ऐसे में चंद्रशेखरन को उस ऑटोमोबाइल कंपनी में ज्यादा जिम्मेदारियां निभानी होंगी। हाल ही में उन्हें रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन का चेयरमैन भी बनाया गया है। यह फाउंडेशन टाटा ग्रुप की कंपनियों में रतन टाटा के शेयरों का लाभार्थी है। इन शेयरों की कीमत 2,750 करोड़ रुपये है।
चंद्रशेखरन इंटर्न के तौर पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज से जुड़े थे।
इन 20 कंपनियों में से कोई भी व्यक्ति 10 सार्वजनिक कंपनियों के बोर्ड में शामिल हो सकता है। इन 10 कंपनियों में से वह 7 सूचीबद्ध कंपनियों में डायरेक्टर हो सकता है। टाटा केमिकल्स ने मोदन साहा को कंपनी का अतिरिक्त निदेशक भी नियुक्त किया है। मोदन साहा टाटा संस में रणनीति प्रमुख हैं। चंद्रशेखरन 1987 में एक प्रशिक्षु के रूप में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में शामिल हुए थे। 2007 में उन्हें टीसीएस के बोर्ड में शामिल किया गया और सीओओ बनाया गया। बाद में वे 2009 में टीसीएस के सीईओ बन गए।