Pakistan Jhelum River Flood News In Hindi, Muzaffarabad Flood News | पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद में झेलम नदी (Muzaffarabad Jhelum Flood) में अचानक पानी बढ़ने से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। पाकिस्तान ने इसके लिए भारत पर आरोप लगाया है और वहां इमरजेंसी घोषित कर दिया है।
Muzaffarabad Flood | क्या हुआ?
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार, 27 अप्रैल 2025 को मुजफ्फराबाद और आसपास के इलाकों में झेलम नदी का पानी अचानक बढ़ गया। इससे हट्टियन बाला, घारी दुपट्टा, मझोई जैसे क्षेत्रों में बाढ़ का डर पैदा हो गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि भारत ने उड़ी बांध से बिना बताए पानी छोड़ दिया, जिससे नदी का स्तर तेजी से बढ़ा।
पाकिस्तान का आरोप
पाकिस्तान का दावा है कि भारत ने इंडस वाटर ट्रीटी (1960 का जल समझौता) का उल्लंघन किया है। यह समझौता कहता है कि दोनों देशों को नदियों के पानी के बारे में एक-दूसरे को पहले से सूचना देनी चाहिए। पाकिस्तान ने इसे “पानी का आतंकवाद” करार दिया और संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की है।
यह भी पढ़ें: Lahore Airport Fire: लाहौर हवाई अड्डे पर पाक सेना के विमान में लगी आग, कई उड़ाने रद्द
आपातकाल और चेतावनी
मुजफ्फराबाद प्रशासन ने हट्टियन बाला में जल आपातकाल घोषित किया है। मस्जिदों से लाउडस्पीकर पर लोगों को नदी किनारे से सुरक्षित जगहों पर जाने की चेतावनी दी गई। इससे इलाके में डर का माहौल है। लोग अपने घर और सामान बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें:
भारत का पक्ष
भारत ने अभी तक इन आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया है। यह घटना पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) के बाद हुई, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद भारत ने इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित करने की घोषणा की थी। पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने जानबूझकर पानी छोड़ा है।
क्यों बढ़ा तनाव?
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया। इसके जवाब में भारत ने जल समझौते को रोकने का फैसला किया। अब पाकिस्तान का कहना है कि पानी छोड़ना भारत की रणनीति का हिस्सा है।
BJP MLA Balmukund Acharya : क्या सच में जयपुर की मस्जिद के अंदर बीजेपी विधायक ने की नारेबाजी? बालमुकुंद आचार्य ने दी सफाई
नुकसान
मुजफ्फराबाद और आसपास के इलाकों में मध्यम स्तर की बाढ़ की खबर है। कोहाला और ढलकोट में फसलों और मवेशियों को नुकसान हुआ है। अभी पूरी क्षति का आंकलन नहीं हुआ है। प्रशासन ने अस्थायी आश्रय स्थल बनाए हैं और बचाव टीमें काम कर रही हैं।