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Mutual Funds नहीं Investment का नया ट्रेंड बनेगा SIF! जानें क्या है?

Best New Investment Idea in SIF: Edelweiss Mutual Funds की MD और CEO राधिका गुप्ता कहती हैं कि SIFs वो इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं जिसकी भारत को जरूरत तो थी, लेकिन अब तक पहचान नहीं मिली थी. SIF यानी स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स, जो एक नए तरह का इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है. इसे SEBI ने 2024 में मंजूरी दी है. ये 2025 से लोगों के लिए उपलब्ध होने लगा है. इसमें मिनिमम 10 लाख रुपए निवेश कर सकते हैं. तो वहीं म्यूचुअल फंड्स में 100 रुपए और AIFs में 1 करोड़ रुपए मिनिमम इंवेस्ट करना होता है.

Radhika Gupta ने ऐसे समझाया

निवेश की दुनिया को खाने की थाली से समझते हैं. आपका पोर्टफोलियो एक बुफे की तरह है. म्यूचुअल फंड्स दाल-चावल जैसे हैं- सिंपल, भरोसेमंद और रोज के लिए परफेक्ट. AIFs यानी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स उस एक्सॉटिक डिश जैसे हैं, जैसे कैवियार – महंगे, खास और हर किसी के स्वाद की चीज नहीं. अब मिलते हैं मेन्यू के नए फ्लेवर SIFs से यानी स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स जो पारंपरिक निवेश की सादगी और वैकल्पिक निवेश की स्ट्रेटजी के बीच संतुलन बनाता है. यह प्रोडक्ट उन निवेशकों के लिए है जो सरलता के साथ थोड़ा अधिक समझदारी से निवेश करना चाहते हैं.

SIF; PMS और AIFs के बीच का ऑप्शन है

SIFs को ऐसे समझिए जैसे निवेश की दुनिया में एक मीडियम रास्ता. ये म्यूचुअल फंड्स से ज्यादा फ्लेक्सिबल हैं, लेकिन PMS और AIFs की तरह मुश्किल या महंगे भी नहीं हैं. राधिका गुप्ता बताती हैं कि म्यूचुअल फंड्स साधारण जरूरतों को पूरा करते हैं. वहीं, PMS (पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज) और AIFs थोड़े खास और जटिल होते हैं, जिनमें निवेश करना आसान नहीं होता. SIFs इन दोनों के बीच का अच्छा ऑप्शन हैं – जितना आसान म्यूचुअल फंड्स हैं और उतना ही फ्लेक्सिबल PMS और AIFs के जैसा. इसलिए ये निवेशकों के लिए एक बढ़िया ऑप्शन बन रहा है.

इन्वेस्टमेंट का नया ऑप्शन है SIF

गौरतलब है कि, राधिका बार-बार इस बात पर जोर देती हैं कि भारत के निवेशकों को जोखिम समझने में और ज्यादा परिपक्व होना होगा. जहां म्यूचुअल फंड्स में इक्विटी और हाइब्रिड कैटेगरी के निवेश के नियम कड़े और साफ होते हैं, वहीं SIFs फंड मैनेजर्स को अपनी स्ट्रेटजी के मुताबिक अलग-अलग मार्केट एक्सपोजर और रिटर्न प्रोफाइल के पोर्टफोलियो बनाने की आजादी देते हैं. यह उन निवेशकों के लिए है जो निवेश के बारे में ज्यादा जागरूक हैं या जिनके पास भरोसेमंद सलाहकार की मदद उपलब्ध है.

निवेशक कैसे अपनाएंगे

अब इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है की जब SIF प्रोडक्ट्स आने वाले महीनों में (SEBI की मंजूरी के बाद) बाजार में आएंगे, तो निवेशक इन्हें अपनाएंगे या नहीं. लेकिन फिलहाल निवेशकों को SIFs को म्यूचुअल फंड्स का ऑप्शन नहीं बल्कि इन्वेस्टमेंट का एक नया ऑप्शन समझना चाहिए. राधिका कहती हैं, आपके पोर्टफोलियो का 70-80% हिस्सा अभी भी म्यूचुअल फंड्स में ही होना चाहिए. लेकिन बाकी हिस्से के लिए SIFs बेहतर विकल्प हो सकता हैं.

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