Mutual Funds SIP: इंडियन Mutual Funds (MF) बाजार में SIP के जरिए निवेश ने नया रिकॉर्ड बना लिया है. गौरतलब है कि स्टॉक मार्केट में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशक लगातार SIP के जरिए पैसा लगा रहे हैं. आपको बताएं कि एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के अनुसार साल 2025 में नवंबर तक SIP निवेश ₹3 ट्रिलियन से ज्यादा हो गया है. यह बताता है कि निवेशक अब लंबी अवधि के लिए सुरक्षित और अनुशासित निवेश को काफी तरजीह दे रहे हैं.
पहली बार ₹3 ट्रिलियन के पार निवेश
Amfi के मुताबिक नवंबर 2025 तक SIP के माध्यम से कुल ₹3.04 ट्रिलियन का निवेश किया गया, जबकि पूरे 2024 में यह आंकड़ा ₹2.69 ट्रिलियन था. यह पहली बार है जब SIP निवेश ने एक कैलेंडर वर्ष में ₹3 ट्रिलियन का आंकड़ा पार किया है. बाजार में अस्थिरता के बीच निवेशकों ने एकमुश्त निवेश की तुलना में SIP को ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प माना है. साथ ही SIP की मजबूत आवक ने लंपसम निवेश में आई गिरावट की आंशिक भरपाई भी की है.
इक्विटी फंड में SIP का बढ़ता रोल
एक और खास बात बताएं कि, इस साल निवेशकों के निवेश तरीके में बदलाव साफ नजर आया है, सक्रिय इक्विटी फंड में लंपसम निवेश अक्टूबर 2025 तक घटकर ₹3.9 ट्रिलियन रह गया है, जो कि पिछले साल ₹5.9 ट्रिलियन था. वहीं, SIP के जरिए इक्विटी फंड में निवेश 3 फीसदी बढ़कर ₹2.3 ट्रिलियन हो गया. अब इक्विटी फंड में कुल निवेश का 37 प्रतिशत हिस्सा SIP से आ रहा है, जबकि 2024 में यह 27 प्रतिशत था। कुल SIP निवेश का करीब 80 प्रतिशत पैसा इक्विटी फंड में लगाया जा रहा है.
SIP बना भरोसेमंद
हालांकि 2025 में SIP खातों की संख्या थोड़ी घटी है, लेकिन निवेश की रकम लगातार बढ़ रही है. नवंबर 2025 तक SIP का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹16.53 ट्रिलियन तक पहुंच गया है, जो पूरे म्यूचुअल फंड उद्योग के कुल AUM का 20 प्रतिशत से ज्यादा है. Amfi के CEO वेंकट चलसानी के मुताबिक, SIP अब भारत में लंबी अवधि के निवेश का सबसे भरोसेमंद और आसान तरीका बन चुका है, जो निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव के बीच भी निवेश जारी रखने में मदद करता है.

