Munich Security Conference 2024:जर्मनी में म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में भारत रूस के प्रति अपने रुख को लेकर साफ़ रहा.विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि भारत कच्चा तेल रुस से लेता रहेगा और किसी भी तरह के पश्चिमी दबाव में नहीं आएगा।रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से ही भारत पर सवाल आता रहा है क्योंकि अमेरिका और रूस के संबंधों में खटास पुरानी है.रूस -यूक्रेन युद्ध की वजह से कई यूरोपीय देश और अमेरिका ने रूस पर बैन लगा दिया है.बावजूद इसके भारत रूस के साथ व्यापारिक सम्बन्ध बनाए हुए है.
एस.जयशंकर की हाजिरजवाबी पर मुस्कुराते रहे अमेरिकी विदेश मंत्री
कांफ्रेंस में एस जयशंकर (S.Jaishankar) से पूछा गया कि वो अमेरिका और रूस दोनों के साथ संबंधों को कैसे बनाए हुए हैं इसपर विदेश मंत्री ने कहा – क्या यह एक समस्या है, यह एक समस्या क्यों होनी चाहिए? हम स्मार्ट हैं, हमारे पास पास कई विकल्प हैं, आपको हमारी तारीफ करनी चाहिए।वो जब ये जवाब दे रहे थे तब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinkon)बगल में ही बैठे हुए मुस्कुरा रहे थे.
India-Russia relations: भारत-रूस रिश्ते उस दौर से हैं जब पश्चिम ने पाकिस्तान को चुना था
एस.जयशंकर ने ये भी कहा कि भारत और रूस के रिश्ते तबसे से हैं जब पश्चिमी देशों ने भारत के बदले पाकिस्तान को चुना था और जहाँ तक फ्यूल इम्पोर्ट की बात है तो जितना भारत एक महीने में फ्यूल इम्पोर्ट करता है यूरोपीय देश रूस से उतना एक दोपहर में कर लेते हैं.
रूस अंतरिक्ष में हथियार रखने की तैयारी में!
अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी के हवाले से यह पता चला है कि रूस स्पेस में नए तरीकों के हथियार तैनात करने पर काम कर रहा है.अगर ऐसा होता है तो ये परमाणु विस्फोट कर सकता है और इससे न सिर्फ अमेरिका बल्कि भारत और चीन की स्पेस में स्थित सैटेलाइट भी तबाह हो जाएंगी।इस सिलसिले में अमेरिकी विदेश मंत्री में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों से बात करते हुए कहा कि रूस का अमेरिका के प्रति घृणाभाव साफ़ है.ऐसे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पुतिन से बात करके समझाने के लिए कहा.
विशेषज्ञों का कहना है अगर अंतरिक्ष में परमाणु विस्फोट होता है तो दुनिया का कम्युनिकेशन सिस्टम खत्म हो जाएगा,इंटरनेट सेवा,मोबाइल फ़ोन,जनरेटर,पंप और सारी इमरजेंसी सेवाएं बंद हो जाएंगी