मणिशंकर अय्यर (MANI SHANKAR AIYAR) ने अपनी किताब ‘मणिशंकर अय्यर: ए मेवरिक इन पॉलिटिक्स’ में इसका खुलासा किया,,
NEW DELHI: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर (MANI SHANKAR AIYAR) ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। इस बार उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की शिक्षा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, ‘यह आश्चर्य की बात है कि इतने खराब शैक्षणिक रिकॉर्ड वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री कैसे बनाया गया।’ भाजपा नेता अमित मालवीय ने बुधवार को अपने ‘एक्स’ हैंडल पर अय्यर के इंटरव्यू का एक वीडियो शेयर किया। इसमें वे कह रहे हैं, ‘जब राजीव प्रधानमंत्री बने तो मुझे लगा कि वे एयरलाइन पायलट हैं। वे दो बार फेल हो चुके हैं, ऐसा व्यक्ति प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है।’मणिशंकर अय्यर (MANI SHANKAR AIYAR) ने अपनी किताब ‘मणिशंकर अय्यर: ए मेवरिक इन पॉलिटिक्स’ में इसका खुलासा किया।
मणिशंकर (MANI SHANKAR AIYAR) के बयान पर कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा, ‘मैं किसी हताश व्यक्ति पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। मैं राजीव गांधी को जानता था, उन्होंने देश को आधुनिक दृष्टि दी।’ करीब 3 महीने पहले मणिशंकर अय्यर ने कहा था- पिछले 10 सालों में मुझे सिर्फ एक बार सोनिया गांधी से मिलने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने मेरा राजनीतिक करियर बनाया और बर्बाद किया। लेकिन मैं कभी बीजेपी में शामिल नहीं होऊंगा। एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में अय्यर ने दो किस्से सुनाए। उन्होंने बताया कि एक बार उन्हें राहुल गांधी को शुभकामनाएं भेजने के लिए प्रियंका गांधी को फोन करना पड़ा था। साथ ही एक बार उन्होंने सोनिया गांधी को क्रिसमस की बधाई दी तो मैडम ने कहा- ‘मैं ईसाई नहीं हूं।’
मणिशंकर अय्यर (MANI SHANKAR AIYAR ने अपनी किताब ‘मणिशंकर अय्यर: ए मेवरिक इन पॉलिटिक्स’ में इसका खुलासा किया। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने उन्हें 2024 के चुनाव में टिकट नहीं दिया और उन्होंने कहा था- मणिशंकर अय्यर को कभी टिकट नहीं दिया जाएगा क्योंकि उनकी उम्र बहुत हो गई है। अय्यर तमिलनाडु की मयिलादुथुराई सीट से तीन बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं और राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। अय्यर ने कहा- अगर प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री होते तो बुरी तरह चुनाव नहीं हारते। अय्यर ने बताया कि प्रणब मुखर्जी को उम्मीद थी कि उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनाया जाएगा और मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया जाएगा। अगर मुखर्जी प्रधानमंत्री होते तो 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह नहीं हारती।
उन्होंने कहा कि 2012 से ही कांग्रेस की हालत खराब थी। सोनिया गांधी गंभीर रूप से बीमार पड़ गईं और मनमोहन सिंह को 6 बार बाईपास सर्जरी करानी पड़ी। जिसके कारण पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री चुनाव में सक्रिय नहीं रहे। प्रणब मुखर्जी ऐसी स्थिति को बखूबी संभाल सकते थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पहली बार पूर्ण बहुमत हासिल किया था। इस चुनाव में भाजपा ने 282 सीटें जीतीं और कांग्रेस महज 44 सीटों पर सिमट गई।