Muharram Holiday Date 2025: आपको बताएं इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, ये मुहर्रम का महीना चल रहा है. गौरतलब है कि, महीने की 10 तारीख को मुहर्रम मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, 6 जुलाई को मुहर्रम का त्योहार मनाया जाएगा. साथ ही मुहर्रम पर ताजिये की लंबाई अलग-अलग रहती है. कई बार ज्यादा ताजिया ऊंचा होने की वजह से बिजली के खंभों में अटक जाता है, जिससे बड़े हादसे हो जाते हैं. इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें ताजिये की लंबाई तय की गई है.
ताजिया की लंबाई पर निर्देश
दरअसल मुहर्रम के दौरान ताजिया लेकर जुलूस निकाला जाता है. एक जगह तय की जाती है, जहां पर कई गावों के ताजिये जमा होते हैं. सभी के ताजिये अलग-अलग डिजाइन और लंबाई के होते हैं. कई में सोने-चांदी का इस्तेमाल किया जाता है. इनकी लंबाई की वजह से हादसे भी होते हैं, क्योंकि ताजिये बिजली के तारों में अटक जाते हैं. इसमें हर साल बहुत से लोगों की मौत हो जाती है.
यूपी में ताजिये की लंबाई पर नियम
उत्तर प्रदेश में ताजिये की लंबाई को लेकर नियम बनाया गया है, जिसमें कहा गया कि ताजिये की ऊंचाई 12 फीट से ऊपर नहीं होनी चाहिए. वहीं, कई जगह पर 13 फीट, 15 फीट तक तय की गई है. बता दें कि ताजिये की ऊंचाई 50 फीट तक पहुंच जाती है, जिसको देखते हुए ही इनकी लंबाई तय की गई है. साथ ही जुसूस के दौरान बजने वाले डीजे की ऊंचाई भी कम की गई है.
ताजिये को बनाने में कितना खर्च आता है?
जहां एक तरफ सादगी के साथ मुहर्रम के ताजिये को केवल लकड़ी और उसको सजाने वाले कुछ सामानों से बना लिया जाता है, तो दूसरी तरफ इसको बनाने में बहुत सारा सोना और चांदी का इस्तेमाल किया जाता है. ताजिये को बनाने के लिए यूं खर्च की कोई सीमा नहीं बताई गई है, लेकिन इसकी लागत लाखों-करोड़ों तक पहुंच जाती है.
पिछले साल का यह ताजिया रहा चर्चा का विषय
पिछली बार राजस्थान में जयपुर राजघराने का ताजिया काफी चर्चा में रहा था, क्योंकि इसे बनाने में 10 किलो सोना और 60 किलो चांदी का इस्तेमाल किया गया था. इस बार भी इस तरह के खास ताजिये तैयार किए जा रहे हैं.