Mahakumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो गया है। इसके शुरू होते ही कई साधु-साध्वियां वायरल हो रही हैं। पहले साध्वी हर्षा रिछारिया, फिर आईआईटी बाबा अभय सिंह और अब फिर से एक और ऐसे ही बाबा वायरल हुए हैं। इनका नाम दिगंबर कृष्ण गिरि है। लोग इन्हें एमटेक बाबा कहते हैं। दरअसल, इस बाबा ने एमटेक की पढ़ाई की और कई सालों तक नामी कंपनियों में काम किया। इनके अंडर में 400 लोग काम भी करते थे। एमटेक बाबा ने एक न्यूज एजेंसी को अपने जीवन से जुड़ी कई बातें बताईं, जो वाकई हैरान करने वाली हैं।
एमटेक बाबा ने बताया कि उन्होंने 2010 में संन्यास ले लिया था। 2019 में वे नागा साधु बन गए। हरिद्वार में 10 दिन तक भिक्षा मांगी। कभी-कभी तो लाखों रुपये महीने की कमाई भी कर लेते थे। 400 लोगों को सैलरी बांटते थे।
तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ जन्म | Mahakumbh 2025
एमटेक बाबा उर्फ दिगंबर कृष्ण गिरि के जीवन पर नजर डालें तो उनका जन्म दक्षिण भारत के एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने कर्नाटक यूनिवर्सिटी से एमटेक की पढ़ाई की थी। इसके बाद उन्होंने कई नामी कंपनियों में काम किया। आखिरी नौकरी उन्होंने दिल्ली में की, जहां वे एक निजी कंपनी में अच्छे पद पर थे। उनके लिए 400 से ज्यादा लोग काम करते थे।
मैंने सब कुछ गंगा में बहा दिया और 10 दिन की भिक्षा मांगी।
एम टेक बाबा दिगंबर कृष्ण गिरि ने बताया कि मैंने सभी अखाड़ों को मेल करके शामिल होने की इच्छा जताई थी। लेकिन किसी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। जब मैं हरिद्वार गया तो मैंने हरिद्वार में अपना सब कुछ गंगा में बहा दिया। मैंने साधु का वेश धारण किया और दस दिन की भिक्षा मांगी। मेरा मानना था कि ज्यादा धन होने से आदतें खराब हो जाती हैं और मन को शांति नहीं मिलती।
निरंजनी अखाड़े से दीक्षा ली। Mahakumbh 2025
आपको बता दें कि जब मीडिया ने एम टेक बाबा से पूछा कि उन्होंने सामान्य जीवन छोड़कर संन्यास क्यों लिया? और कैसे लिया, तो उन्होंने बताया कि मैंने निरंजनी अखाड़े के बारे में गूगल किया था। मैं निरंजनी अखाड़े में गया और महंत श्री राम रतन गिरि महाराज से दीक्षा ली। वर्ष 2019 में लगी आग के कारण मैंने 2021 में अल्मोड़ा छोड़ दिया। वर्तमान में मैं उत्तरकाशी के एक छोटे से गांव में रहता हूं।