इंदौर। एमपी की उद्योग नगरी के खाते में शनिवार को बड़ी सौगात लगी है। यहा मध्यप्रदेश की पहली मेट्रो ट्रेन सेवा की शुरूआत की गई। तांगे का सफर करने वाले इंदौर ने अब मेट्रो का सफर शुरू कर दिया है। शनिवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल से हरी झंडी दिखा कर इंदौर मेट्रो सेवा की शुरूआत किए। भोपाल में जंहा राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तो वही इंदौर में आयोजित समारोह में केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री तोखन साहू, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, मधु वर्मा, गोलू शुक्ला सहित अन्य जनप्रतिनिधि और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष जयदीप मौजूद रहे।
महिलाओं के नाम मेट्रों
इंदौर मेट्रो के टर्मिनल का नाम देवी अहिल्या बाई होलकर स्टेशन रखा गया है। वहीं इसके अन्य सभी स्टेशनों के नाम भी वीरांगनाओं के नाम पर ही रखे गए हैं। पहले दिन टर्मिनल से निकलने के बाद मेट्रो महारानी लक्ष्मीबाई स्टेशन, रानी अवंती बाई लोधी स्टेशन और रानी दुर्गावती स्टेशन, फिर वीरांगना झलकारी बाई स्टेशन तक चली।
एक सप्ताह फ्री सफर
इंदौर में पहली बार चली मेट्रो 12.20 बजे आखिरी स्टेशन वीरांगना झलकारी बाई स्टेशन पर पहुंची। मेट्रो ने 5.9 किमी का ये सफर 11 मिनट में पूरा किया। इस दौरान मेट्रो कहीं नहीं रुकी। पहले सप्ताह में मेट्रो का संचालन निःशुल्क रहेगा। ट्रेन का शेड्यूल सुबह 8 से रात 8 तक रहेगा। मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन का दावा है कि हर 30 मिनट में मेट्रो ट्रेन उपलब्ध रहेगी। न्यूनतम किराया 20 तो अधिकतम 30 रुपए रखा गया है। शुरुआत में 10 कोच चलाने की योजना है।
एआइ तकनीक वाले हैं कोच
सरकार ने इंदौर मेट्रो में 3 डिब्बों के 75 कोच चलाने का फैसला किया है। अब तक 14 कोच आए हैं। पहला कोच 31 अगस्त 2023 को वडोदरा की कंपनी से सड़क मार्ग से लाया गया था। कोच एआइ तकनीक से लैस हैं। दावा है कि कोच या ट्रैक पर आपत्तिजनक वस्तु रखी होगी तो कैमरे अलर्ट कर देंगे। ट्रैक पर व्यवधान रहा तो एआइ तकनीक खुद ब्रेक लगा देगी। ऊर्जा संरक्षण भी ऑटोमेटिक मोड पर है। ट्रेन बिना पायलट भी चल सकती है, लेकिन शुरुआती दौर में पायलट ही इसका संचालन करेंगे।