MP Weather Update: मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में 26 मई को प्री-मानसून बारिश का अनुमान जताया है। भोपाल (Bhopal Weather Today), इंदौर (Indore Weather Today), उज्जैन, जबलपुर (Jabalpur Weather Today), नर्मदापुरम, रीवा ( Rewa Weather Today), शहडोल, सागर, छिंदवाड़ा, बैतूल, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, और अनूपपुर जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
इन क्षेत्रों में तेज हवाएं (30-50 किमी/घंटा) और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। कुछ स्थानों, विशेष रूप से दक्षिणी और पूर्वी मध्य प्रदेश में, भारी बारिश की भी संभावना है, जिससे नदी-नालों में पानी का स्तर बढ़ सकता है। यह बारिश दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत का संकेत है, जो केरल में 25-26 मई को दस्तक दे चुका है और मध्य प्रदेश में 10-15 जून तक पहुंचने की उम्मीद है। बारिश के कारण इन क्षेत्रों में तापमान में 2-4 डिग्री की गिरावट दर्ज की जा सकती है, जिससे गर्मी से काफी राहत मिलेगी।
रीवा का मौसम
Rewa Ka Aj Ka Mausam: 26 मई 2025 को रीवा में मौसम विविध रंगों वाला रहेगा। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, दिन के समय आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। कुछ क्षेत्रों में तेज बौछारें भी पड़ सकती हैं, जो स्थानीय स्तर पर राहत पहुंचाएंगी। अधिकतम तापमान 38-40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27-29 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। हवा की गति 14-18 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी, जो कभी-कभी 20 किमी/घंटा तक बढ़ सकती है। नमी का स्तर 50-60% के आसपास रहेगा, जिससे उमस का अहसास हो सकता है।
कहां रहेगी गर्मी की मार?
मध्य प्रदेश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा। ग्वालियर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर, छतरपुर, सतना, खजुराहो, टीकमगढ़, और दमोह जैसे जिले भीषण गर्मी और लू की चपेट में रहेंगे। इन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 43-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, और खजुराहो, नौगांव, और मुरैना में यह 44-46 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। न्यूनतम तापमान भी 30 डिग्री से ऊपर रहने की संभावना है, जिससे रात में भी गर्मी का अहसास बना रहेगा। मौसम विभाग ने इन जिलों में लू का यलो अलर्ट जारी किया है और लोगों से दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है। गर्म हवाएं और कम नमी (20-30%) के कारण इन क्षेत्रों में लू का प्रभाव और तीव्र हो सकता है।
मौसम का समग्र मिजाज
मध्य प्रदेश में मौसम इस समय दो अलग-अलग रंगों में बंटा हुआ है। एक ओर जहां दक्षिणी और मध्य क्षेत्रों में प्री-मानसून बारिश और आंधी से मौसम सुहावना हो रहा है, वहीं उत्तरी और पूर्वी हिस्सों, खासकर बुंदलखंड और विंध्य क्षेत्रों में, गर्मी और लू का कहर जारी है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा नया चक्रवाती सिस्टम प्री-मानसून गतिविधियों को और तेज कर सकता है। अगले 3-4 दिनों तक बारिश और आंधी का सिलसिला रुक-रुक कर जारी रहने की संभावना है, विशेष रूप से मध्य और दक्षिणी जिलों में। इस बीच, उत्तरी जिलों में गर्मी का प्रभाव कम होने के कोई आसार नहीं हैं, क्योंकि मानसून का असर इन क्षेत्रों तक पहुंचने में अभी समय लगेगा।
क्षेत्रीय प्रभाव और बदलाव
- शहरी क्षेत्र (भोपाल, इंदौर, जबलपुर): इन शहरों में बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव और ट्रैफिक की समस्या हो सकती है। साथ ही, बिजली गिरने का खतरा भी बना रहेगा।
- ग्रामीण क्षेत्र: बारिश से किसानों को कुछ राहत मिल सकती है, खासकर खरीफ फसलों की बुआई की तैयारी में। हालांकि, भारी बारिश वाले क्षेत्रों में फसलों को नुकसान का खतरा भी है।
- पर्यटन स्थल (खजुराहो, पचमढ़ी, ओरछा): खजुराहो में गर्मी के कारण पर्यटकों को परेशानी हो सकती है, जबकि पचमढ़ी और ओरछा में बारिश के कारण मौसम सुहावना रहेगा, जो पर्यटकों के लिए अनुकूल है।
सावधानियां और सुझाव
- बारिश वाले क्षेत्रों में तेज हवाओं और बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए पेड़ों या खुले स्थानों से दूर रहें। घरों में बिजली के उपकरणों का उपयोग सावधानी से करें।
- गर्मी प्रभावित जिलों में दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर न निकलें। पर्याप्त पानी, हल्के कपड़े, और छाता या टोपी का उपयोग करें।
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि गर्मी और उमस से उनकी सेहत पर असर पड़ सकता है।
- किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बारिश के पानी का संचय करें और फसलों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियां और बढ़ सकती हैं, खासकर दक्षिणी और पूर्वी जिलों में। मानसून की प्रगति के साथ जून के पहले सप्ताह तक और अधिक क्षेत्रों में बारिश का दायरा बढ़ेगा। हालांकि, उत्तरी जिलों में गर्मी का असर जून के मध्य तक बना रह सकता है। मौसम का यह दोहरा स्वभाव मध्य प्रदेश के लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण लेकिन विविध अनुभव लेकर आएगा।