विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए बना है, राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनाव में I.N.D.I.A के दल अपने-अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं. एक दूसरे का विरोध कर रहे हैं.
MP Assembly Election 2023: भारतीय जनता पार्टी को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी दलों का बनाया I.N.D.I.A सिर्फ लोकसभा चुनाव 2024 के लिए है. राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में I.N.D.I.A के दलों का एक-दूसरे से कोई वास्ता नहीं है. जो दल पटना, बेंगलुरु और मुंबई में हुई बैठक में एक दूसरे का साथ देकर पीएम मोदी को कुर्सी से हटाने की कसमें खाते दिखाई दिए हैं वही दल विधानसबा चुनाव में एक-दूसरे के कट्टर आलोचक और प्रतिद्वंदी बन गए हैं.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, बीजेपी के साथ एक दूसरे को भी निशाने में ले रही हैं. AAP, BJP के साथ-साथ Congress को भी भ्रष्ट बताकर लोगों से वोट मांग रही है, वहीं कमलनाथ ने भी साफ़ कह दिया है कि मध्य प्रदेश चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस को I.N.D.I.A की जरूरत नहीं है. इसी लिए तो भोपाल में होने वाली I.N.D.I.A की महारैली को रद्द कर दिया गया है क्योंकि उसमे अरविंद केजरीवाल भी शामिल होते जो I.N.D.I. गठबंधन का सदस्य होने के बाद भी कांग्रेस को वोट ना देने की अपील करते घूम रहे हैं.
मध्य प्रदेश की राजनीति में हो क्या रहा है?
बीजेपी
एमपी में बीजेपी का स्टैंड क्लियर है, यहां बीजेपी हमेशा से अकेले चुनाव लड़ी है और जीती है. बीजेपी सिर्फ कांग्रेस को अपना प्रतिद्वंदी मान कर चल रही है. अबतक किसी भी बीजेपी नेता ने AAP या अरविंद केजरीवाल को भाव नहीं दिया है. लेकिन कमलनाथ और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा जा रहा है. इस वक़्त भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में जन आक्रोश यात्रा निकाल रही है जो एमपी की सभी विधानसभा सीटों को कवर कर रही है और जनता को अपने 18 साल की सरकार के कार्यों को गिना रही है.
कांग्रेस
कांग्रेस ने अपनी जन आक्रोश यात्रा शुरू कर दी है. एमपी कांग्रेस ने भी यह क्लियर कर दिया है कि उसे मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए I.N.D.I.A के अन्य दलों की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन पार्टी यह चाहती है कि एमपी चुनाव को लेकर I.N.D.I.A से जुडी AAP अपना स्टैंड क्लियर करे. कांग्रेस का कहना है कि मध्य प्रदेश में उनकी पार्टी सरकार बनाने की एक मजबूत दावेदार है ऐसे में AAP को कबाब में हड्डी बनने की क्या जरूरत है? फ़िलहाल कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने पर मंथन कर ही है. अभी पूरा फोकस जन आक्रोश यात्रा पर है.
आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी एमपी चुनाव में I.N.D.I.A का हिस्सा होने के बाद भी कांग्रेस को एमपी में उखाड़ फेंकने की अपील कर रही है. बीते दिन जब दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब सीएम भगवंत मान रीवा जिले महारैली करने आए थे तब केजरीवाल ने रीवा की जनता से ‘बीजेपी-कांग्रेस को उखाड़ फेंकने की बात कही थी, उन्होंने कहा था कि AAP के आने से पहले दिल्ली में दो ही पार्टियां थीं। दोनों में अच्छी सेटिंग थी कि एक बार तुम राज करो, एक बार हम राज करें। एक बार तुम लूटो, एक बार हम लूटें। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा था कि I.N.D.I.A से पीएम मोदी घबराए हुए हैं. ऐसे में जनता केजरीवाल से यह सवाल कर रही है कि जब वो कांग्रेस को उखाड़ फेंकने की बात कर रहे हैं तो उस गठबंधन से क्यों जुड़े हैं जिसमे कांग्रेस भी शामिल है जो लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक सीटों की दावेदार है?
AAP जनता को कन्फ्यूज कर रही, बीजेपी को इससे फायदा
जानकार बताते हैं कि AAP का एमपी चुनाव जीनते के लिए कांग्रेस को कोसना, बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. क्योंकि इससे जनता में कन्फ्यूजन हो रहा है. जनता यह जानती है कि AAP उस गठबंधन का हिस्सा है जिसमे कांग्रेस भी है लेकिन AAP फिर भी Congress को वोट ना देने की अपील कर रही है. आम आदमी पार्टी एमपी चुनाव ना भी जीत पाई तो वह राज्य में दूसरे नंबर की बड़ी पार्टी बनने की मंशा रख रही है और जाहिर है कि कांग्रेस-AAP का वोटबैंक I.N.D.I.A के गठन के बाद एक जैसा ही हो गया है.
फिर भी बीजेपी के लिए सरकार बनाना मुश्किल
बीजेपी के लिए तो दोनों पार्टियां ख़तरा है हीं लेकिन AAP भी कांग्रेस के वोट में सेंधमारी कर रही है. लेकिन एक बात तो पक्की है भले ही AAP, Congress की सीट खा जाए, अंत में जब मामला बहुमत में आकर फंसेगा तो सरकार बनाने के लिए AAP और Congress गठबंधन कर लेंगीं।
अरविंद केरजीवाल चाहते क्या हैं?
जानकारों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल I.N.D.I.A में रहकर खुद को प्रधान मंत्री का सबसे बड़ा दावेदार बनाना चाहते हैं. इसके लिए वे इस साल होने वाले 4 राज्यों में से कम से कम 2 में अपनी सरकार बनाना चाहते हैं. क्योंकि ऐसा करके AAP, कांग्रेस की बराबरी कर लेगी। फ़िलहाल बीजेपी के बाद कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है जिसकी 4 राज्यों में सरकार है और उसके बाद AAP है जिसकी दिल्ली और पंजाब में सरकार है. अगर एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में से दो राज्यों में AAP को जीत मिल जाती है तो अरविंद केजरीवाल खुद को बतौर पीएम कैंडिडेट के रूप में पेश कर देंगे। फिलहाल देश के 10 राज्यों में बीजेपी, 6 राज्यों में NDA, 11 राज्यों में I.N.D.I.A के दलों की सरकार है जिसमे 4 कांग्रेस की और दो AAP की हैं.