एमपी में 15 नवम्बर से चलेगा राजस्व महा-अभियान 3.0, जिला कलेक्टर्स को आवश्यक निर्देश जारी

MP Rajasv Maha Abhiyan 2024

MP Rajasv Maha Abhiyan 2024 | मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने राजस्व महा-अभियान-1 और 2 की सफलता के बाद राजस्व महा-अभियान 3.0 को 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक चलाने के निर्देश दिये हैं। जानकारी के अनुसार राजस्व महा-अभियान में किये जाने वाले कार्यों के विस्तृत दिशा-निर्देश सभी कलेक्टर्स को जारी कर दिये गये हैं।

राजस्व महा-अभियान 3.0 को लेकर मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव राजस्व विवेक पोरवाल ने बताया कि राजस्व विभाग के लंबित राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण और राजस्व अभिलेख त्रुटियों को राजस्व महा-अभियान 3.0 में ठीक किया जायेगा। सभी जिला कलेक्टर्स को महा-अभियान के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। जिलेवार प्रगति के लिये राजस्व महा-अभियान डेसबोर्ड भी बनाया गया है।

प्रमुख सचिव राजस्व विवेक पोरवाल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार महा-अभियान में राजस्व न्यायालयों में नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, सीमांकन के लंबित प्रकरणों का निराकरण, नये राजस्व प्रकरणों को राजस्व न्यायालयों में दर्ज कराना, नक्शे पर तरमीम, पीएम किसान का सैच्युरेशन, आधार का आरओआर से लिंकिंग, परम्परागत रास्तों का चिन्हांकन, फार्मर रजिस्ट्री और स्वामित्व योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना शामिल है।

राजस्व विभाग द्वारा महा-अभियान के जारी दिशा-निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि समय-सीमा पार कर चुके नामांतरण प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करते हुए नवीन दर्ज प्रकरणों का भी समय-सीमा में निराकरण किया जायेगा। साथ ही उत्तराधिकार नामांतरण के अंतर्गत ग्राम के पटवारी द्वारा बी-1 का वाचन कराया जाकर ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की जायेगी, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। उसके अनुसार प्रकरण दर्ज कर फौती नामांतरण की कार्रवाई होगी। इसी प्रकार बंटवारा प्रकरणों के लंबित प्रकरणों का निराकरण और नवीन दर्ज प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा।

राजस्व महा-अभियान में 6 माह की अवधि से लंबित सभी प्रकार के अभिलेखों के शुद्धिकरण के प्रकरणों का निराकरण भी सुनिश्चित होगा। राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि महा-अभियान में आरसीएमएस पर दर्ज लंबित सीमांकन प्रकरणों का त्वरित निराकरण और नवीन प्रकरणों को दर्ज कर निराकृत करें। महा-अभियान में धारा-131 के तहत मान्यता प्राप्त सड़क, रास्ते, सार्वजनिक भूमियों का चिन्हांकन भी होगा।

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