Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा के शपथ ग्रहण के 5 दिन बाद भी कैबिनेट का विस्तार नहीं हो सका है. कल रात दिल्ली में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ ही बीजेपी नेताओं की मीटिंग के बाद अटकले तेज हो गई हैं.
Cabinet Expansion MP: कल देर रात दिल्ली में मोहन यादव का भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर मीटिंग के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं. इन अटकलों के बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों को बड़ा झटका लग सकता हैं. मोहन सरकार में सिंधिया समर्थक विधायकों को कम ही इस बार मंत्रिमंडल में मौका मिल सकता है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह लोकसभा चुनाव को लेकर बनाई गई रणनीति मानी जा रही है.
MP News: पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया साल 2020 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. जिससे कांग्रेस की सरकार गिर गई और भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार बनाई तब 11 सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाया गया था. 2023 विधानसभा चुनाव में 8 पूर्व मंत्री ही इस बार विधानसभा चुनाव में अपनी जीत दर्ज करवा पाए हैं. जबकि तीन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है. शिवराज सरकार में 11 सिंधिया समर्थक मंत्री का दबदवा था लेकिन इस बार ये दबदवा कम होने वाला है. भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव की रणनीति बना रही है जिसके तहत इस बार पार्टी सभी लोकसभा सीटों से एक-एक मंत्री को डॉक्टर मोहन यादव के मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है. जिसके चलते इस बार 29 से 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं.
इन सिंधिया समर्थकों को मिल सकती है जगह
सूत्रों से मिली जानकारी और मिडिया रिपोर्ट्स की माने तो मोहन सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार थोड़ा छोटा होने का अनुमान है. अगर सिंधिया समर्थक विधायकों की बात करें तो पूर्व मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर, तुलसी सिलावट डॉक्टर प्रभुराम चौधरी, गोविन्द सिंह राजपूत, बिसाहू लाल साहू, हरदीप सिंह डंग, बृजेन्द्र सिंह यादव, ने जीत दर्ज की है. सिंधिया समर्थक जीते हुए सभी पूर्व मंत्रियों का इस बार मंत्री बनना मुश्किल नजर आ रहा है. लेकिन फिर भी तुलसी सिलावट और प्रदुम्न सिंह तोमर को कैबिनेट में जगह मिल सकती है.
ये सिंधिया समर्थक चुनाव हार गए
2023 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सुनामी चली लेकिन इस सुनामी में भी बहुत से सिंधिया समर्थक चुनाव हार गए. उनके कई समर्थक मंत्री और विधायक चुनाव हार चुके हैं. इनमे राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, महेंद्र सिंह सिसोदिया सुरेश धाकड़ राठखेड़ा, जयपाल सिंह जज्जी, कमलेश जाटव, इमरती देवी, रघुराज कंसाना को हार का सामना करना पड़ा है. अब इन हारे हुए सिंधिया समर्थकों का राजनितिक भविष्य क्या होगा ये तो आने वाला वक़्त बताएगा।