मध्य प्रदेश में मोहन यादव (New CM Mohan Yadav) के मुख्यमंत्री बनने के बाद सबकी नजरें शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक भविष्य पर टिकी हुई है.
MP Politics News: मध्य प्रदेश में मोहन यादव (New CM Mohan Yadav) के मुख्यमंत्री बनने के बाद सबकी नजरें शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक भविष्य पर टिकी हुई हैं. हर किसी के मन में एक सवाल उठ रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का क्या होगा? सब ये जानना चाहते हैं कि पार्टी अब शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में भेजेगी या फिर मध्य प्रदेश में ही कोई बड़ा अवसर तलाशेगी. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शिवराज के एक बयान के बाद कई मायने निकाले जा रहे हैं. जिसमें शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मांगने से बेहतर मैं मरना पसंद करूंगा. इसी बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने INDIA Today Group के कार्यक्रम में बताया कि अब क्या काम शिवराज सिंह चौहान को सौंपा जाएगा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से एक कार्यक्रम में जब शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे को लेकर सवाल किया गया तब नड्डा ने कहा पार्टी उनके लिए कुछ बड़ा सोच रही है. उनको उनके कद के अनुसार काम दिया जायेगा। उन्होंने आगे हमारी पार्टी जब छोटे कार्यकर्ता को उपयोग करने में पीछे नहीं रहती। ये तो पार्टी के वरिष्ठ नेता है, पार्टी इनके कद के हिसाब से कुछ बड़ा करने की सोच रही है.
शिवराज के सवाल पर क्या बोले नड्डा?
What did Nadda say on Shivraj’s question: जब उनसे पुछा गया कि वह शिवराज, वसुंधरा या रमन सिंह से बात करते हैं तो क्या उनकी तरफ से बागी तेवर देखने को मिलता है? तब उन्होंने कहा कि ह्यूमन एंजेल को समझकर ह्यूमन डीलिंग करना बीजेपी के कार्यकर्ताओं को आता है. जब मैं ये काम करता हूं. तो सबसे पहले हम ऐसा माहौल बनाते हैं, कि उन्हें ऐसा महसूस न हो. उन्होंने कहा कि प्रॉब्लम तब आती है, जब आपके इरादे कुछ और हों, एजेंडा कुछ और हो, और आप बोल कुछ और रहे हों. लेकिन हमारे साथ ऐसा कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं, लोगों से कहना चाहता हूं कि पार्टी आज अचानक से सफल नहीं हुई है, ये कई सालों की तपस्या के कारण हुआ है. जेपी नड्डा ने कहा कि हमारे यहां लोग नेशन फर्स्ट, पार्टी सेकेंड और मी लास्ट के सिद्धांत पर चलते हैं.
शिवराज सिंह चौहान ये साफ कह रहे हैं और बार-बार कह रहे हैं कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा. इसे राष्ट्रीय संगठन में फिर से उपाध्यक्ष पद या फिर किसी और जिम्मेदारी के लिए शिवराज की अनिच्छा से जोड़कर भी देखा जा रहा है. क्या BJP सूबे की किसी सीट से 2024 के लोकसभा चुनाव में शिवराज को उतारेगी या पार्टी प्रदेश-राष्ट्रीय संगठन में कोई ओहदा देकर उनको एडजस्ट करेगी? ये तो वक्त ही बताएगा. लेकिन फिलहाल, पुराने उदाहरणों के जरिए भी ये समझने की कोशिशें की की जा रही हैं कि सीएम पद से हटने के बाद बीजेपी के नेता कहां-कहां गए?
विजय रुपाणी 2016 से 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे. सीएम पद से हटने के बाद विजय रुपाणी संगठन में सक्रिय हैं. रघुबर दास 2014 से 2019 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे. फिलहाल, रघुबर दास एक्टिव पॉलिटिक्स से दूर एक संवैधानिक पद पर हैं. रघुबर दास को पिछले दिनों ओडिशा का राज्यपाल बना दिया गया था. तो राजनीतिक पंडित भी मानते हैं पार्टी शिवराज सिंह चौहान की उम्र को देखते हुए पार्टी संगठन में बड़ा पद दे सकती है.