छिदवाड़ा। मध्यप्रदेश में विषैली कफ सिरप पीने से अब 16 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस मामले में अब सरकार और पुलिस सख्त हो गई है। छिदवाड़ा में बच्चों की मौत के बाद पूरे मामले की पारदर्शी तरीके से जांच की जा रही है। जांच की जिम्मेदारी अब एसआईटी को सौपी गई है। 12 सदस्यी यह जांच टीम कप सिरप की गड़बड़ी से जुड़े लोगो तक पहुच कर कार्रवाई करने के साथ ही तमिलनाडु जाएगी। जंहा कप सिरप कंपनी के जिम्मेदारों से पूछताछ करेगी। ज्ञात हो कि मामले में डॉ. प्रवीन सोनी को गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि प्रवीण ने ही ज्यादातर बच्चों को ये कफ सिरप लिखा था। साथ ही कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
कब्र से निकाला गया शव
जांच में जुटी पुलिस टीम ने मामले की सच्चाई तक जाने के लिए शव का पीएम करवा रही है। इसके लिए दफनाए गए बच्चो के शव को कब्र से बाहर निकाला गया है। जानकारी के तहत अब हुई 16 मौतों में योगिता ठाकरे का सबसे पहला पीएम हो रहा है। जिससे मौत के कारणों की जांच हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने की हाई लेवल मीटिंग
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छिंदवाड़ा प्रकरण के संबंध में सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर उच्च स्तरीय बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि छिंदवाड़ा प्रकरण में सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार सजग और संवेदनशील है, मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस क्रम में औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा गौरव शर्मा, औषधि निरीक्षक जबलपुर शरद कुमार जैन, उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन शोभित कोस्टा को निलंबित और ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया है। अभियान चलाकर घर-घर से रिकवर करें प्रतिबिंधत दवा
दवा की तलाश करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोल्ड्रिफ सिरप के विक्रय पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही दुकानों में विद्यमान स्टॉक जप्त किया जाए। छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में जिन परिवारों ने यह दवा ली है, उनके घरों से दवा रिकवर करने के लिए सघन अभियान चलाया जाए। आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं के साथ ही सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों का सहयोग लिया जाए। कोल्ड्रिफ सिरप दवा के अलावा पिछले दिनों क्षेत्र में बिकने वाली अन्य दवाओं की प्रभावशीलता का भी आकलन कराया जाए। दवाओं पर जो चेतावनी और सावधानियां लिखी जानी चाहिए, वह लिखी जा रही हैं या नहीं इसकी जांच के लिए अभियान आरंभ किया जाए। इन नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाए। चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कॉम्बिनेशन ड्रग नहीं देने की व्यवस्था है, जो डॉक्टर इस व्यवस्था का पालन नहीं कर रहे हैं, उन पर भी कार्यवाही की जाए।
जानकारों का लिया जाए सहयोग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैडियाट्रिक्स सहित चिकित्सकों के विभिन्न संगठनों और केमिस्ट एसोसिएशन के सहयोग से आवश्यक सावधानियां अपनाने और जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा न बने इसके लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोल्ड्रिफ सिरप की निर्माता कंपनी पर कार्यवाही के लिए तमिलनाडु राज्य सरकार को घटनाक्रम से अवगत कराने के निर्देश भी दिए।