MP News Congress : मध्य प्रदेश में 750 BJP नेता कांग्रेस में करना चाहता हैं वापसी, पार्टी ने रखी ये 3 शर्ते 

MP News Congress : मध्य प्रदेश की राजनीति में फिर से हड़कंप मच गया है। बीजेपी में गए कई कांग्रेस के नेता अब वापस अपनी पुरानी पार्टी में लौटने की सोच रहे हैं। एमपी कांग्रेस के संगठन प्रभारी और महासचिव डॉ संजय कामले ने एक खास बातचीत में ये बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि करीब 750 नेताओं ने बीजेपी में जाने के बाद अब कांग्रेस में वापस आने के लिए आवेदन दिए हैं।  जिसके बाद अब बीजेपी के उस बड़े दावे पर भी सवाल खड़ा कर रही है, जिसमें कहा गया था कि 2023 के विधानसभा चुनाव में चार लाख कांग्रेसी बीजेपी में गए थे। आइये समझते हैं कि ये पूरा मामला क्या है…

संजय कामले का भाजपा पर बड़ा हमला 

संजय कामले ने कहा कि 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में गए नेताओं को छोड़कर, पिछले पांच सालों में सिर्फ 1500 कांग्रेस के नेता बीजेपी में गए हैं। यह आंकड़ा बीजेपी के कहने से बहुत पीछे है, जिसमें कहा गया था कि 2023 में चार लाख कांग्रेसी बीजेपी में गए। यह बात यहीं नहीं रुकती। संजय कामले ने बताया कि इनमें से आधे, यानी 750 नेताओं ने अब वापस कांग्रेस में आने का आवेदन दिया है। ये खबर मध्य प्रदेश की राजनीति में बहुत बड़ी बात है।  

कमलनाथ की नेताओं की वापसी के लिए रखी ते तीन शर्तें  

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता कमलनाथ ने कहा कि जो नेता वापस आना चाहते हैं, उन्हें पार्टी में लिया जाएगा। लेकिन, इस फैसले के साथ तीन शर्तें भी हैं…

1. अगले चुनाव में इन नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा। उन्हें तीन से चार साल इंतजार करना होगा।  
2. तीन साल तक इन्हें कोई पद नहीं दिया जाएगा। उन्हें सामान्य कार्यकर्ता ही माना जाएगा।  
3. इन नेताओं को पार्टी का सामान्य कार्यकर्ता बनकर जमीन पर काम करना होगा, बिना किसी खास सुविधा के।  

कांग्रेस में वापसी के लिए दिखानी होगी वफ़ादारी 

संजय कामले ने कहा, “हम उन नेताओं को फिर से लेंगे, जो कांग्रेस की सोच में विश्वास रखते हैं। लेकिन उन्हें यह दिखाना होगा कि वे पार्टी के साथ खड़े हैं। तीन साल जमीन पर काम करके अपनी वफादारी दिखा सकते हैं।” संजय कामले ने कहा कि ये शर्तें जरूरी हैं और अंतिम फैसला पार्टी के बड़े नेताओं की बैठक में होगा। सवाल यह है कि क्या ये नेता इन शर्तों को मानेंगे। 

क्यों हैं नेता वापस आना चाहते?  

सूत्रों का कहना है कि बीजेपी में गए कई नेताओं को वहां सम्मान और मौके नहीं मिले। 2020 में सिंधिया के साथ गए 22 विधायकों ने तो चुनाव भी जीते, लेकिन बाकी नेताओं को वहां उपेक्षा ही मिली। उन्हें टिकट नहीं मिला और संगठन में भी कोई खास जिम्मेदारी नहीं दी गई। एक बड़ा नेता बोला, “बीजेपी में गए कई नेता अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि कांग्रेस में उनकी स्थिति बेहतर थी। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे नेता उन्हें ज्यादा सम्मान दे सकते हैं।”  

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