Madhya Pradesh Weather Update: मौसम विभाग ने प्रदेश के 7 जिलों के लिए आज भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. 7 जिलों में आंधी हवा के साथ बारिश हो सकती है, इधर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में राहत रहेगी, यहां हल्की बारिश होगी, जबकि बादल भी छाए रहेंगे. आपको बता दे कि पिछले कई दिनों से उमस भरी गर्मी लोगो को सता रही है।
मौसम विभाग के अनुसार साइक्लोनिक सर्कुलेशन के साथ एक ट्रफ लाइन गुजर रही है, जिसकी वजह से प्रदेश में दो सिस्टम एक्टिव है. अगले कुछ दिनों तक प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा. मंगलवार को भोपाल, धार, नर्मदापुरम, इंदौर, रायसेन, रतलाम, छिंदवाड़ा, दमोह, सिवनी, बालाघाट जिले में बारिश हुई. जिससे लोगो को भीषण गर्मी से राहत मिली।
पूरे प्रदेश में सक्रिय हो चुका है मानसून
आपको बता दें 27 जून तक पूरे प्रदेश को मानसून ने कवर कर लिया है, इसके बाद से ही बारिश का दौर जारी है. पूरे प्रदेश में रुक रुक कर बारिश हो रही है. सबसे पहले 21 जून को मानसून 6 जिलों में पहुंचा, जिनमें पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, जबकि 23 जून को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, सीहोर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, जबलपुर, सागर, दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल, सीधी, सिंगरौली, 25 जून को झाबुआ, रतलाम, नीमच, मंदसौर, आगर, शाजापुर, राजगढ़, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज पहुंचा था, जबकि 27 जून को ग्वालियर, श्योपुरकलां, भिंड, मुरैना, दतिया औ निवाड़ी जिले में मानसून पहुंचा.
मध्य प्रदेश में फिलहाल मानसून एक्टिव है औऱ राज्य में झमाझम बारिश हो रही है भोपाल में भी रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है. आगामी दिनों में सिवनी, बालघाट, पांढुर्ना, खंडवा, बैतूल, इंदौर, मऊगंज, सीधी, नर्मदापुरम, सिंगरौली में भारी बारिश के आसार जताए गए हैं.
इसके अलावा, सागर, दमोह, हरदा, देवास, छतरपुर, पन्ना, उज्जैन, रतलाम, शहडोल, उमरिया, आगर-मालवा, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, जबलपुर के भेड़ाघाट, मंडला, डिंडोरी, बड़वानी, धार, खरगोन, अलीराजपुर, सतना, मैहर, रीवा और अनूपपुर में भी मौसम विभाग ने बारिश की संभावना जताई है.
कैसे आता है मानसून ?
भारत में मॉनसून पश्चिम के तटीय राज्यों से शुरू होकर आगे बढ़ता है.केरल के तट से टकराने के बाद यह फिर आगे बढ़ता है.यह पूर्वोत्तर के राज्यों में पहुंचकर हिमालय से टकरा कर पच्श्चिमी इलाको का रुख कर लेता है. यहाँ से यह मध्य भारत को कवर करता है।
कहां कितनी बारिश करता है मानसून
देश में मानसून के चार महीनों में औसतन 89 सेंटीमीटर बारिश होती है. देश की 65 फीसदी खेती मानसूनी पर निर्भर है. बिजली उत्पादन, नदियों का पानी भी मानसून पर निर्भर है. पश्चिम तट और पूर्वोत्तर के राज्यों में 200 से एक हजार सेमी बारिश होती है, जबकि राजस्थान और तमिलनाडु के कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां मानसूनी बारिश सिर्फ 10-15 सेमी बारिश होती है.
चेरापूंजी में सालभर में करीब 1,100 सेमी तक बारिश होती है. केरल में मानसून जून के शुरू में दस्तक देता है और अक्टूबर तक करीब पांच महीने रहता है, जबकि राजस्थान में सिर्फ डेढ़ महीने ही मानसूनी बारिश होती है. यहीं से मानसून की विदाई होती है.
हिंद महासागर और अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाएं भारत के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश में भी भारी बारिश कराती हैं. वैसे किसी भी क्षेत्र का मानसून उसकी जलवायु पर निर्भर करता है. अमूमन मानसून के दौरान तापमान में तो कमी आती है, लेकिन नमी में वृद्धि होती है.