MP Lakhpati Ek Bigha Kisan Yojana: क्या है लखपति एक बीघा किसान योजना? जानें इसके बारे में

MP Lakhpati Ek Bigha Kisan Yojana के बारे में जानकारी और किसानों को होने वाले लाभ

Lakhpati Ek Bigha Kisan Yojana: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस महत्वाकांक्षी योजना को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कृषि विभाग को योजना का विस्तृत खाका तैयार कर तत्काल प्रस्ताव देने को कहा है। योजना के तहत वैज्ञानिक खेती, उन्नत बीज, सिंचाई सुविधा, फसल विविधीकरण, मूल्य संवर्धन और बाजार संपर्क जैसे उपायों पर जोर दिया जाएगा, ताकि छोटे किसानों की आय में क्रांतिकारी बढ़ोतरी हो सके।

Lakhpati Ek Bigha Kisan Yojana: मध्यप्रदेश सरकार छोटे एवं सीमांत किसानों की आय बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने केंद्र की “लखपति दीदी योजना” (Lakhpati Didi Scheme) की तर्ज पर “लखपति एक बीघा किसान योजना” (Lakhpati Ek Bigha Kisan Yojana) शुरू करने के निर्देश कृषि विकास विभाग को दे दिए हैं। इस योजना के तहत एक बीघा भूमि से एक लाख रुपये या उससे अधिक सालाना कमाई करने वाले किसानों को चिह्नित कर उन्हें राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।

योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को पारंपरिक खेती छोड़कर उच्च मूल्य वाली फसलों, आधुनिक तकनीकों, बेहतर सिंचाई और एकीकृत खेती मॉडल (Integrated Farming Model) अपनाने के लिए प्रेरित करना है, ताकि कम जमीन में भी अधिक मुनाफा कमाया जा सके। सरकार जिलेवार ऐसे सफल किसानों का डेटाबेस तैयार करेगी और उनके खेतों को “मॉडल फार्म” के रूप में विकसित कर अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बनाएगी।

किसानों को मिलेंगी ये सुविधाएं

  • तकनीकी विशेषज्ञों से मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण
  • उन्नत बीज, उर्वरक और कीटनाशकों पर सब्सिडी में प्राथमिकता
  • ड्रिप, स्प्रिंकलर जैसी सूक्ष्म सिंचाई सुविधाएं
  • सब्जी, फूल, औषधीय एवं मसाला फसलों के लिए विशेष पैकेज
  • पॉलीहाउस, शेडनेट हाउस और ग्रीनहाउस की स्थापना में सहायता
  • उत्पाद का सीधा बाजार और कोल्ड स्टोरेज से लिंकेज

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि “प्रदेश के छोटे किसान यदि सही दिशा और तकनीक अपनाएं तो एक बीघा जमीन से भी एक लाख से ज्यादा की कमाई आसानी से कर सकते हैं। हमें ऐसे सफल किसानों को सामने लाकर पूरे प्रदेश में लाभकारी खेती का नेटवर्क तैयार करना है।”

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार योजना की विस्तृत रूपरेखा एक सप्ताह में तैयार कर ली जाएगी और अगले खरीफ सीजन से इसका क्रियान्वयन शुरू हो सकता है। यह योजना विशेष रूप से उन 70 प्रतिशत से अधिक किसानों के लिए वरदान साबित होगी जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है।

सरकार का मानना है कि सफल किसानों के अनुभव को साझा करने से पूरे प्रदेश में क्रांतिकारी बदलाव आएगा और किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करना आसान हो जाएगा।

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