भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार खेती को बढ़ावा देने के लिए तथा प्रदेश के किसानों का आत्मबल बढ़ाने लखपति बीघा योजना की शुरूआत करने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लखपति दीदी के समान लखपति बीघा का लक्ष्य रखते हुए एक बीघा से एक लाख रूपए की कमाई करने वाले किसानों को भी सम्मानित किया जाए। किसानों को बिचौलियों से बचाने और उन्हें बाजार में अपनी उपज का सीधे लाभ दिलाने के लिए आवश्यक व्यवस्था हो। प्रदेश में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने और अद्यतन तकनीक का इस्तेमाल कर बेहतर उपज लेने के लिए ग्राम स्तर पर सघन गतिविधियां संचालित की जाएं। हर संभाग की नर्सरियों को आदर्श रूप में विकसित किया जाए। नरवाई प्रबंधन के लिए तीन वर्ष की कार्ययोजना विकसित की जाए।
सीएम ने की समीक्षा
दरअसल मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान ये निर्देश दिए। बैठक में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना, पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
आगामी तीन वर्ष की बनी कार्ययोजना
प्रदेश के सभी 363 नगरपालिका, नगर पंचायतों में साप्ताहिक जैविक/प्राकृतिक हाट बाजार लगाए जाएंगे।
ड्रॉप मोर क्रॉप – दबाव सिंचाई प्रणाली के तहत वर्ष 2025-26 में 25 हजार, वर्ष 2026-27 में एक लाख और वर्ष 2027-28 में दो लाख हेक्टेयर का लक्ष्य है।
नरवाई (पराली) प्रबंधन के अंतर्गत पराली जलाने की घटनाओं में वर्ष 2027-28 तक 80 प्रतिशत तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा है।
आगामी दो वर्षों में सभी मंडियों का हाईटेक बनाया जाएगा।
तिलहन, दलहन फसलों में आत्मनिर्भरता के लिए क्षेत्र विस्तार का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि में अनुसंधान कार्ययोजनाओं को प्रोत्साहन देते हुए प्रयोगशाला से खेत की दूरी को कम किया जाएगा।
बैठक में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की समीक्षा के दौरान हाईटेक नर्सरी, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, कृषकों और उद्यमियों की क्षमता संवर्धन के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों के संबंध में जानकारी दी गई।
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